क्या SDM-BDO कार्यालय बदलेगा बलदेव तोमर की तकदीर... ddnewsportal.com
राजनैतिक नजरिया शिलाई-
क्या SDM-BDO कार्यालय बदलेगा बलदेव तोमर की तकदीर...
वर्ष 2017 के आम चुनाव मे डिग्री काॅलेज की सौगात पर कफोटा क्षेत्र ने सिर माथे बिठाये थे कांग्रेस के हर्षवर्धन चौहान, नेड़ा आर की 19 पंचायतों मे कांग्रेस को मिली थी 3 हजार से अधिक मतों की लीड,
इस बार सीएम की बड़ी घोषणाओं को अमलीजामा पहनाने से कफोटा क्षेत्र में भाजपा का बढ़ रहा जनाधार, मस्तभोज में पार पाना भाजपा की रहेगी चुनौती।
इसी वर्ष हिमाचल प्रदेश मे विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है। पूरे प्रदेश मे राजनैतिक दल अपने अपने हलके में चुनाव प्रचार मे जुट चुके हैं। हालांकि अभी प्रचार ने उतनी रफ्तार नही पकड़ी है लेकिन आने वाले दिनों मे अब नेता जनता के द्वार होंगे। वैसे तो कुछ विधायक और पूर्व विधायकों ने जन संपर्क अभियान का आगाज कर जनता की नब्ज टटोलनी शुरू कर दी है। इसी कड़ी मे जिला सिरमौर के शिलाई विधानसभा क्षेत्र मे भी भाजपा और कांग्रेस के नेता सक्रिय हो गये हैं। भाजपा जहां विकास के दावों पर जीत को आश्वस्त है वहीं कांग्रेस हाल ही मे हुए उपचुनाव मे चार सीटों पर मिली जीत से उत्साहित है। शिलाई विधानसभा क्षेत्र मे इस बार का विधानसभा चुनाव रोचक होने वाला है। यह हम नही राजनैतिक जानकार बता रहे हैं। ऐसा क्यों होने वाला है इसका हम पिछली बार के चुनाव के आंकड़ों और पांच वर्ष में हुए विकास कार्यों का एक विश्लेषणात्मक पहलू आपके समक्ष रखेंगे।
दरअसल, शिलाई विधानसभा क्षेत्र में इस पांच वर्ष के कार्यकाल मे कुछ ऐसे बड़े काम हुए हैं जो वर्षों से जनता की मांग रही। इसमे शिलाई मे सिविल कोर्ट सहित जलशक्ति विभाग का मंडल, सिविल अस्पताल, कफोटा मे एसडीएम कार्यालय और तिलौरधार मे बीडीओ कार्यालय, रोनहाट मे उप
तहसील, जलशक्ति विभाग का सब डिविजन, टिंबी मे लोनिवि सब डिविजन कार्यालय, सब्जी मंडी की स्वीकृति अहम् बड़े काम है जिसे भाजपा सरकार मे अमलीजामा पहनाया गया है। निश्चित तौर पर इन कामों का भाजपा को लाभ मिलना चाहिए। इसके अलावा भी और कईं घोषणाएं हुई जिनमे से ज्यादातर पूरी हुई है।
वहीं, वर्ष 2017 के आम चुनाव की बात करें तो शिलाई विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के हर्ष वर्धन चौहान ने जीत दर्ज की और विधानसभा मे पंहुचे। इस जीत का यदि आंकलन किया जाएं तो क्षेत्र के नेड़ा आर की 19 पंचायतों ने तीन हजार से अधिक की लीड कांग्रेस को दी थी। इसका बड़ा कारण कफोटा मे कांग्रेस सरकार मे खोला गया डिग्री काॅलेज रहा। जबकि प्रदेश मे भाजपा की लहर चली थी। चुनाव नतीजों को खंगालें तो नेड़ा आर की कुल 19 पंचायतों, जो उस समय पांवटा विकास खंड मे आती थी, मे हर्षवर्धन चौहान को 3046 मतों की भारी लीड मिली। इसमे कोटा पाब पंचायत शामिल नही थी। 19 पंचायतों मे हर्षवर्धन चौहान को जहां कुल 12494 वोट पड़े वहीं भाजपा उम्मीदवार बलदेव तोमर को 9448 मत मिले। 2012 विधानसभा चुनावों मे जिन तीन पंचायतों दुगाना, कमरउ आर सतौन मे भाजपा की एक हजार वोटों से अधिक की बढ़त थी वहां पर भी 2017 में भाजपा सिमटकर रह गई। इन तीनों पंचायतों मे भाजपा 200 वोटों की लीड तक खिसक कर रह गई थी। दुगाना पंचायत मे 2012 मे भाजपा की 293 वोटों की बढ़त थी। 2017 में पोस्टल बेलेट जोड़ कर यहाँ 6 वोटों की लीड कांग्रेस की बनी। यही हाल कमरउ पंचायत का रहा। 2012 विस चुनावों मे भाजपा की 351 वोटों की लीड थी जो 2017 में खिसककर मात्र 123 वोटों की रह गई। सतौन मे भी करीब पौने चार सौ की भाजपा की बढ़त 2017 में सिर्फ 60 वोट ही रह गई थी। लोगों का उस समय मानना था कि कफोटा में डिग्री कालेज खोले जाने से क्षेत्र के बच्चों को बहुत फायदा हुआ। इसका 2017 के चुनाव मे बड़ा असर हुआ। यही कारण रहा कि तीन पंचायतों मस्तभोज की और कफोटा क्षेत्र की शिल्ला, बोकाला पाब और शावगा पंचायतों मे कुल लीड का आंकड़ा कांग्रेस के पक्ष में दो हजार तक
पंहुच गया। हालांकि हर्ष वर्धन चौहान के गृह क्षेत्र मस्तभोज की तीन पंचायतों से रिकॉर्ड़ बढ़त मिली थी। तीन पंचायतों ने उन्हे 1244 मतों की भारी लीड दी। इसमे उनके गांव कांडो च्योग से सार्वाधिक 478 की लीड रही। इसके अलावा शरली मानपूर पंचायत से 447 और जामना पंचायत से 319 की लीड कांग्रेस को मिली। यहां भाजपा को इस बार पार पाना बड़ी चुनौती होगी।
जानकारों की माने तो एक डिग्री काॅलेज जहां कांग्रेस को इतनी बड़ी लीड दिलवा सकता है तो भाजपा सरकार ने तो कफोटा क्षेत्र को दिल खोलकर सौगातें दी है जिसमे एसडीएम कार्यालय और बीडीओ कार्यालय मुख्य है। ये क्षेत्र की लंबे समय की मांग थी। ऐसे मे कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले शिलाई विधानसभा क्षेत्र में इस बार कांग्रेस की चिंता बढ़ सकती है।