एक सड़क ये भी मंजूर करवा देते साहब ddnewsportal.com

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एक सड़क ये भी मंजूर करवा देते साहब

रामनगर-मेहरूवाला सड़क पर्यावरण मंजूरी से बाहर, जनता ने मंत्री पर लगाया सौतेला व्यवहार का आरोप

मंत्री जी, यदि आपके प्रयासों से पांवटा साहिब की 27 सडकों को फोरेस्ट क्लीयरेंस मिली है तो फिर हमारी ये सड़क भी क्लीयर करवा देते। लोगों की समस्या दूर हो जाती। यह बात पांवटा साहिब के गिरिपार क्षेत्र के आंजभोज

के लोगों ने कही है। ग्रामीणों का कहना है कि क्या उनकी सड़क की पुरानी मांग रामनगर से मेहरूवाला, जो फोरेस्ट क्लीयरेंस के कारण लटकी पड़ी है, क्या वह जान बूझकर पूरी नही की गई। क्या उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। गोर हो कि रामनगर से मेहरूवाला जाने वाले सड़क काफी समय से कच्ची पड़ी है। जिसके कारण सड़क से गुजरना बहुत ही मुश्किल हो रहा है। अम्बोया से रामनगर पुल तक यह सड़क वर्ष 2015 में पक्की हो गई थी। रामनगर पुल से आगे मेहरूवाला तक जंगल का रास्ता पड़ता है जिसकी लम्बाई महज 3 कि0मी0 है और उस रास्ते से क्षेत्र के बहुत सारे लोगों की आवाजाही रहती है। मेहरूवाला में एसएसआईपी कंपनी में भी आजिविका कमाने के लिए क्षेत्र के बहुत सारे लोग इस सड़क से होकर जाते है। कच्ची सड़क होने के कारण लोगों बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है।
बताते चले कि इस सड़क से समूचा आंजभौज जिसमें बनौर, शिवा, सुनोग, रूदाना, भरली, टारू भैला, नघेता, राजपुर, दिद्याली, अम्बोया व डाण्डा आदि

दर्जनों पंचायतों के लोगों की आवाजाही मेहरूवाला भंगानी व विकासनगर के लिए बहुत नजदीक पड़ता है। इस कारण क्षेत्र के लोग इस रास्ते विकासनगर बाजार जाते है क्योकि इस सडक की दूरी अन्य सडक की अपेक्षा बहुत ही कम है। बावजूद इसके इस सड़क को फोरेस्ट क्लीयरेंस नही मिली हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसे मे यह अनदेखी नही तो और क्या है।
  वहीं दूसरी और नवयुवक मंडल एकता की जंग भंगानी ने भी सरकार पर सोतेल व्यवहार करने का आरोप लगाया है। वर्षों पुरानी लंबित पड़ी सड़क को एनओसी न मिलने पर युवाओं में सरकार के खिलाफ भारी रोष है। यह जो एक सड़क है, इस क्षेत्र की अकेली ऐसी सड़क है जिस पर फॉरेस्ट क्लीयरेंस ना मिलने पर कभी तारकोल नहीं बिछ पाया है। इस बार फिर से लोगों को निराशा हाथ लगी है। युवाओं का कहना है कि हमारे क्षेत्र के साथ सरकार के द्वारा सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। इस सड़क पर सोलिंग हुई

है तो पक्का करने में क्या समस्या है। एक ओर जहां सरकार विकास के बड़े बड़े दावे करती है।वहीं आज भी उपर भगानी मेहरूवाला सड़क जो पीएमजीएस वाई के तहत बनी थी, कई वर्षों से कच्ची पड़ी है। लोग सड़क मे निकले पत्थरों पर चलने पर मजबूर है। युवा क्लब एकता की जंग का कहना है कि सरकार उनके क्षेत्र के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। अगर सरकार का यही रवैया रहा तो आने वाले चुनावों में इसका असर देखने को मिलेगा। इस मौके क्लब के प्रधान मासूम अली, सचिव रफीक अहमद, उपाध्यक्ष जावेद अली, कोषाध्यक्ष आलमगीर, खुर्शीद, नसीम, शहीद, इनाम, इस्लाम, सोनू, सोहेल, साजिद, शाहबाज, फकरु दीन, इरफान, सोहिब, आसिफ, आबिद, तोसीब, हमीद अली एवं क्लब के संयोजक मोहब्बत अली ने रोष व्यक्त किया है।