ये मलबा कहीं बरसात मे न बन जाए आफत- ddnewsportal.com
ये मलबा कहीं बरसात मे न बन जाए आफत
NH-707 निर्माण मे बेतरतीब ढंग से खड्ड में फेंके जा रही मिट्टी ला सकती है तबाही, कांग्रेस ने भी उठाए सवाल, 50 फीसदी स्थानीय लोगों को रोजगार देने की भी उठाई मांग।
बद्रीपुर-गुम्मा एनएच निर्माण कार्य के दौरान खड्ड में फैंका जा रहा भारी मात्रा मे मलबा बरसात के मौसम मे आफत ला सकता है। एनएच प्राधिकरण ने ठेकेदारों के लिए डंपिंग साईट पहले से ही तय कर रखी है लेकिन यदि कांग्रेस की माने तो कईं स्थानों पर अवैध तरीके से खड्ड मे मलबा फैंका जा रहा है जो आने वाले दिनों मे बड़ी मुसीबत ला सकता है। कांग्रेस सोशल मीडिया लोकसभा प्रभारी व स्थानीय युवा नेता सुनील चौहान का कहना है कि इन दिनों NH-707 का काम जोरों से चल रहा है। हेवना से लेकर शिलाई तिवनी
फेडीज पुल तक खुदाई का काम चल रहा। लेकिन कार्य के दौरान निकल रहे मलबे से भारी तबाई होने के आसार बने हुए है। बरसात के मौसम में सड़क के मलबे से सैकड़ों परिवारों की हजारों बीघा जमीन मलबे की जद में आ जाएगी। पेयजल सोर्स टैंक, कूहल, पेयजल पाइप सहित उपजाऊ जमीन बंजर हो जाएगी। इतना ही नही मलबे के कटाव से कई परिवारों के मुहं का निवाला हमेशा के लिए छीन जाएगा। क्षेत्रीय लोग उपजाऊ जमीन गवाने के बाद भरण-पोषण करने के लिए दर-दर भटकने पर मजबूर हो जाएंगे। प्रशासन सहित प्रदेश व केंद्र सरकार में बैठे अधिकारियों, कर्मचारियों को मलबे से आने वाली आपदा से कोई साहूकार नही है। कार्य कर रहा ठेकेदार अपनी मर्जी से खुदाई व मलबा भी अपनी मर्जी से डाल रहा है। जिससे
हजारों पेड़ पौधे, उपजाऊ जमीन, घास वाली जमीन के बंजर होने के आसार है। उन्होंने कहा कि सतौन हेवना से कमरऊ खजियार, श्रीक्यारी से फैडिजपुल के बीच कार्य कर रही कम्पनी ने मलबे के लिए डंपिंगयार्ड तो लिए है बावजूद उसके सड़क से निकल रहे मलबे को गलत तरीके से फेंका जा रहा है। जहां मलबे को डम्प किया जा रहा है उस जगह पर मलबे को रोकने के लिए कोई सुरक्षा दीवारें, क्रेटवायर सहित सरकारी नियमानुसार डम्पयार्ड नही बने है। कई जगह तो सीधा सड़क से खड्ड में मलबा पहुँच रहा है। हजारों गाड़ियां मलबे की डाली जा चुकी है। रात दिन मलबे को खड्ड व नालों में फ़ेंका जा रहा है जो बरसात में लोगो के लिए तबाही का मंजर लाने वाला है। सुनील चौहान का कहना है कि जो NH 707 पर खुदाई हो रही है नियमो को ताक पर रखकर हो रही है। जाम घण्टो घण्टो भर लग रहे है। धूल मिट्टी इतनी उड़ रही है कि लोगों का जीवन दुश्वार हो गया है। पेड़ पौधों पर धूल मिट्टी बैठ
गई है जिससे कि पशु भी बीमार हो रहे है।इस धूल मिट्टी से कई लोग बीमार हो गए है। ठेकेदार ने पानी डालने की कोई व्यवस्था नही की है। ठेकेदार पहले अपनी व्यवस्था पूरी कर पानी छिड़के ताकि स्थानीय लोगो को कोई भी दिक्कत नही हो तभी खुदाई करे।
साथ ही युवा नेता सुनील चौहान ने कहा है कि इस निर्माण कार्य मे स्थानीय लोगों को रोजगार न के बराबर है। जिन्हें इक्का दुक्का लोगों को काम मिला है उन्हें भी उचित दाम नही मिल रहा है। उन्होंने मांग की है कि सबसे पहले तो कम से कम 50 फीसदी स्थानीय लोगों को रोजगार मिले ताकि इस कोरोना काल मे अपनी आजीविका अच्छे से चला सके। क्योंकि कोरोना ने पहले ही लोगो की कमर तौड़ दी है सारे काम ठप्प पड़े है। इसलिए स्थानीय लोगों को रोजगार मिलना चाहिए।
इनका कहना है कि कागजों पर सरकार ग्रीन हाइवे बना रही है लेकिन मौका पर लोगों की मूलभूत सुविधाओं सहित नेशनल हाइवे से बाहर की हजारों बीघा भूमि मलबे के दलदल में धकेली जा रही है जो क्षेत्रीय लोगो पर कहर बरपाएगी। ऐसा एक जगह नही बल्कि सतोन से लेकर फेडीज पुल तक जहाँ कार्य प्रगति पर है, वहां तक है। ऐसा लग रहा है जैसे विभाग और सरकार के नेता कही ठेकेदार से मिले हुए तो नही है। स्थानीय लोगों प्रवेश चौहान, जगमोहन सिंह, कंवर ठाकुर, धनवीर चौहान, विपुल शर्मा, अरविंद चौहान, रत्न चौहान, सुनील ठाकुर, मंगल सिंह ठाकुर, सुरेंदर चौहान, अमर सिंह, भगवंत नेगी, धनवीर ठाकुर, जगत नेगी, कल्याण सिंह, धर्म सिंह, जीत सिंह, रमेश नेगी, बिशन सिंह, रमेश ठाकुर, अर्जुन, नरेश, अजय आदि ने बताया कि ये सब राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारी व सरकार के नेताओं के ठेकेदार के साथ भ्रष्टाचार में लिप्त होने के सकेंत है तभी खुदाई कम्पनियां अपनी मनमानी कर रही है।
उनको कोई कुछ बोल नही सकता। आम जनता की आवाज को दबा दी जा रही है। ग्रामीणों की माने तो हेवना काली खान खड़ में डंपिंग की हुई जिसमे दीवार न होने मके कारण बरसात में मिट्टी हेवना पाठना के साथ कोइलाड़ा (बास) की उपजाऊ जमीन को बंजर बना सकती है। ग्रामीणों का करोडों रूपये का नुकसान होगा फिर भी ये कम्पनी लोगो को रोजगार नही दे रही है। ठेकेदार अपनी मन मर्जी कर रहा है साथ मे शिलाई से आगे बुड़ैक खड्ड में डंप हो रहा मलवा 10 मीटर आगे चीचेड खड्ड में मिल जाएगा। जहाँ पर खड्ड के सोर्स से चलने वाले आधा दर्जन घराट मलबे में दब जाएंगे। लगभग 100 बीघा के करीब उपजाऊ जमीन हल्की बरसात में तबाह हो जाएगी। 300 मीटर बाद धारवा पंचयात निवासियों की जमीन शुरू होती है जिसे हजारों गाड़ियों का मलबा लगभग 2 किलोमीटर तक जमीन को अपने साथ लेकर जाएगा। मलबे की चपेट में आने से सैकड़ों बीघा जमीन तमसा नदी में समां जाएगी तथा दर्जनों परिवारों पर आर्थिक संकट के साथ ही उपजाऊ भूमि बंजर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि डबल रोड बनना अच्छी बात है पर सही तरीके से बने। जिसमे मुवावजा व स्थानिय लोगो को रोजगार मिले। अगर मनमानी बंद नही हुई तो जल्द ही एक ज्ञापन डीसी के माध्यम से राष्ट्रपति व NGT को भेजा जाएगा।