Kafota: भूस्खलन से बचाया जाए घर-जमीन और प्राकृतिक जलस्रोतों को ddnewsportal.com

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Kafota: भूस्खलन से बचाया जाए घर-जमीन और प्राकृतिक जलस्रोतों को

एनएच निर्माण से हो रहे खतरे को रोकने के लिए बीआरसीसी कफोटा ने एसडीएम को ज्ञापन सौंप उठाई मांग

बीआरसीसी कफोटा विजय कंवर ने जनहित और विद्यार्थियों के हित में उप मण्डल दंडाधिकारी कफोटा राजेश वर्मा को एक ज्ञापन सौंपा है। इस ज्ञापन में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और स्थानीय प्रशासन से आग्रह किया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पर हो रहे कार्य की गुणवत्ता के साथ साथ गांव कस्बों के आस पास के लोगों की जमीन, आवास और घासनी आदि की सुरक्षा का भी ध्यान रखने की मांग की गई है। ज्ञापन में कहा गया है कि सड़क किनारे पड़ने वाले प्राकृतिक जल स्रोतों को फिर से पुनर्स्थापित कर उनका पुनर्निर्माण करना भी सुनिश्चित करें। गांव और कस्बों के आस पास सड़क की कटिंग से पूर्व सड़क के ऊपर नीचे पड़ने वाले मकानों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए साथ साथ सुरक्षा दीवार का निर्माण भी करें और जाल लगाकर मलबे के अपरदन को रोकना सुनिश्चित करें। इसके लिए सरकार और विभाग भी निर्माण करने वाली कंपनियों को स्पष्ट दिशानिर्देश जारी कर सख्ती से नियमों की अनुपालना करवाना सुनिश्चित करने का अनुग्रह करें।
निवेदन किया गया कि प्रोजेक्ट मैनेजर आरजीबी कंपनी को तुरंत प्रभाव से यह निर्देश जारी किए जाएं कि उप मण्डल कार्यालय कफोटा से लेकर पाब गांव तक हाल ही में की जा रही कटिंग से सड़क के ऊपर और नीचे बने मकानों के गिरने का खतरा पैदा हो गया है। जिसे तुरंत प्रभाव से रोका जाना चाहिए या फिर साथ साथ सुरक्षा दीवार अथवा जाल लगवाना सुनिश्चित करें ताकि लोगों की बेशकिमतती संपति की रक्षा हो सके। साथ ही कफोटा के आस पास कई गांवों के लिए एकमात्र प्राकृतिक जल स्रोत (कुंआ) जो कफोटा और पाब गांव के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग 707 के ठीक नीचे है उसकी सुरक्षा और पुनर्निर्माण अवश्य सुनिश्चित करवाने का आग्रह किया गया क्योंकि उठाऊ पेयजल योजना में

जब भी कोई दिक्कत आती है तो जीवन रक्षा के लिए यही एकमात्र जलस्रोत दो सरकारी, तीन निजी विद्यालयों और आईटीआई के लगभग एक हजार विद्यार्थियों सहित असंख्य लोगों की प्यास बुझाता है। अभी हाल ही में पिछले दिनों लगातार आठ दस दिनों तक अड़ावला स्थित जल शक्ति विभाग की लिफ्ट खराब होने के कारण विद्यालयों, कार्यालयों, आईटीआई सहित लोगों के घरों में पानी की बेतहाशा किल्लत हो गई थी। ऐसे में वही जलस्रोत लोगों का जीवनरक्षक सिद्ध हुआ था क्योंकि जल शक्ति विभाग ने तो अब तक भी कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं कर रखी है जबकि उठाऊ पेयजल परियोजना अड़ावला के पास दो मशीनों और दो पम्पों की स्टार्टर सहित हमेशा व्यवस्था रहनी चाहिए।
प्राकृतिक कुंए के लिए आपूर्ति स्रोत कुएं के ठीक ऊपर सड़क के ऊपरी हिस्से में है जो कटिंग के कारण दब गया है। इस जलस्रोत की भी सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए इसके पुनरुद्धार हेतु स्थाई टैंक और नाला लगवाने का आग्रह किया गया।