प्राइवेट बस चालक-परिचालक यूनियन ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा ddnewsportal.com
प्राइवेट बस चालक-परिचालक यूनियन ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा
गवर्नमेंट को दिया 10 जुलाई तक का अल्टीमेटम, ये हैं प्रमुख मांगे...
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में प्राइवेट बसें खड़ी हो सकती हैं। प्राइवेट बस चालक-परिचालक यूनियन ने मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है व चेतावनी दी है कि यदि चालक-परिचालकों की मांगें पूरी नहीं होती तो 11 जुलाई से शिमला में चालक-परिचालक बसें नहीं चलाएंगे। दरअसल, मांगों को लेकर प्राइवेट बस चालक-परिचालक यूनियन की एक बैठक ओल्ड बस स्टैंड में हुई। बैठक में निर्णय लिया कि विभाग व सरकार को 10 जुलाई का अल्टीमेटम दिया जाएगा इसके बाद यदि मांगें पूरी नहीं होती हैं तो बसें खड़ी कर दी जाएंगी। चालक-परिचालक यूनियन के अध्यक्ष रूप लाल ठाकुर ने कहा कि यदि बसें नहीं चलेंगी तो बस ऑप्रेटरों को भी नुक्सान झेलना पड़ेगा, वहीं चालकों-परिचालकों को भी असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना काल से प्राइवेट बस ऑप्रेटर्ज व बसों के चालक परिचालक प्रभावित हुए हैं, लेकिन सरकार सिर्फ कर्मचारियों की बनकर रही गई।
प्राइवेट बस चालक-परिचालकों ने सरकार व विभाग से मांग की है कि निजी बसों के एचआरटीसी चालक व परिचालकों को अनुभव के आधार पर एचआरटीसी चालक-परिचालक भर्ती में 50 प्रतिशत को कोटा दिया जाए। इसके अतिरिक्त चालक-परिचालकों को मेडिकल सुविधा दी जाए, वहीं प्राइवेट बस चालक-परिचालकों को भी आई कार्ड जारी किए जाएं।
साथ ही सरकार द्वारा न्यूनतम किराया कम करने पर भी बस आप्रेटरों व चालक-परिचालकों में रोष है। प्राइवेट बस आप्रेटरों व चालक-परिचालक यूनियन ने सरकार से मांग की है कि 2 किलोमीटर का किराया 5 रुपए और 4 किलोमीटर का 10 रुपए किया जाए। परिचालकों का कहना है कि मौजूदा समय में बसों में किराया 7 रुपए, 9 रुपए, 11 रुपए, 13 और 15 रुपए है, जिससे परिचालकों के पास खुले पैसे न होने के कारण अकसर यात्रियों से बहस होती रहती है। प्राइवेट बस ऑप्रेटर राजेंद्र ठाकुर ने इस मामले पर कहा कि यह आंदोलन प्रदेश स्तर पर होने जा रहा है, जिसमें आगामी दिनों में बैठकें आयोजित कर रणनीति बनेगी।