रक्षाबंधन को लेकर अफवाहें और भ्रम हैं तो पढ़ें ये खबर ddnewsportal.com
रक्षाबंधन को लेकर अफवाहें और भ्रम हैं तो पढ़ें ये खबर
कब है भाई-बहन के पवित्र स्नेह का पर्व और क्या है शुभ मुहूर्त, जानिए प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य की जुबानी...
भाई-बहन के पवित्र स्नेह के पर्व रक्षाबंधन को लेकर इस बार उहापोह की स्थिति बनी हुई है। कोई कह रहा है कि पर्व 11 अगस्त को है तो कोई कहता है कि त्यौहार 12 अगस्त को मनाया जाएगा। इन अफवाहों और भ्रम के जाल में बहनें फंस गई है कि वो अपने भाई की कलाई पर राखी किस दिन और किस समय बांधे। लेकिन इन्ही अफवाहों और भ्रम के निवारण को लेकर हम आपके लिए यह आर्टिकल लेकर आए है जिससे आपको तथ्यों के
साथ स्पष्ट हो जाएगा कि रक्षासूत्र बांधने का सही समय और तिथी क्या है। जिला सिरमौर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित कमलकांत सेमवाल से इस समस्या के निवारण की हमने जानकारी मांगी। पंडित सेमवाल ने बताया कि वर्ष 2022 में श्रावण पूर्णिमा,11 अगस्त 2022 गुरुवार को मनाई जानी है। एवं विभिन्न लोगो का कहना है कि उस दिन ज्योतिष के अनुसार भद्रा है,जो कि अशुभ है।
परंतु 11 अगस्त 2022 की पूर्णिमा को संपूर्ण दिन चंद्रमा मकर राशि में रहेगा एवं चंद्रमा के मकर राशि में होने से भद्रा का वास इस दिन पाताल लोक में रहेगा। पाताल लोक में भद्रा के रहने से यह शुभ फलदायी रहेगी।। इसलिए पूरे दिन सभी लोग अपनी सुविधा के अनुसार अच्छे चौघड़िए और होरा के अनुसार राखी बांधकर त्यौहार मना सकते हैं।
मुहुर्त्त चिन्तामणि के अनुसार जब चंद्रमा कर्क, सिंह, कुंभ या मीन राशि में होता है तब भद्रा का वास पृथ्वी पर होता है। चंद्रमा जब मेष, वृष, मिथुन या वृश्चिक में रहता है तब भद्रा का वास स्वर्गलोक में रहता है। कन्या, तुला, धनु या मकर राशि में चंद्रमा के स्थित होने पर भद्रा पाताल लोक में होती है। भद्रा जिस लोक में रहती है वही प्रभावी रहती है। इस प्रकार जब चंद्रमा कर्क, सिंह, कुंभ या मीन राशि में होगा तभी वह पृथ्वी पर असर करेगी अन्यथा नही। जब भद्रा स्वर्ग या पाताल लोक में होगी तब वह शुभ फलदायी कहलाएगी।
11 अगस्त को 10:39 प्रातःकाल में पूर्णिमा तिथि लगने के उपरांत ही रक्षाबंधन मनाया जाएगा। शास्त्रों के अनुसार, जिनमें मुहूर्त चिंतामणि, जयपुर का श्री जयमार्तंड पंचांग आदि के अनुसार भद्रा का पाताल लोक (नागलोक) में वास शुभ फलदायी होता है।
उन्होंने कहा कि आमजन व बहनें किसी भी अफवाह और आधी अधूरी जानकारी से भ्रमित ना हो एवं पूर्ण उल्लास एवं आनंद के साथ संपूर्ण दिन का पर्व रक्षाबंधन मनाएं।