सूचना आयोग बन गया है सरकार का पिट्ठू ddnewsportal.com
सूचना आयोग बन गया है सरकार का पिट्ठू
हिमाचल आरटीआई एक्टीविस्ट फैडरेशन ने कार्यशैली पर उठाये सवाल, एक्टीविस्ट को मांगी सुरक्षा।
हिमाचल आरटीआई फेडरेशन की पांवटा साहिब में एक बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता फेडरेशन के चेयरमैन आरएम रमौल ने की। इस बैठक में सूचना आयोग पर तीखा वार करते हुए फेडरेशन ने उसे हिमाचल सरकार का पिट्ठू करार दिया है। फेडरेशन ने कहा है की सूचना आयोग जनता के लिए इस उद्देश्य से बनाया गया था कि लोग सरकारी तंत्र में हो रहे गलत कार्यों की जानकारी लेकर उसे आयोग व सरकार के समक्ष रखेंगे, ताकि उस पर कार्रवाई हो सके और भ्रष्टाचार का खात्मा किया जा सके। लेकिन हिमाचल प्रदेश में इसके विपरीत हो रहा है। यहां पर राज्य सूचना आयोग एक सरकारी दफ्तर बनकर रह गया है। फैडरेशन ने सूचना आयोग के सीआईसी तथा अन्य अधिकारियों की नियुक्ति पर भी प्रश्न उठाया है। सदस्यों ने कहा है कि सीआईसी की नियुक्ति में आमतौर पर रिटायर्ड आईएएस को नियुक्त किया जा रहा है। जिसके कारण वो पक्षपात पूर्ण निर्णय दे रहे हैं। जो आरटीआई की भावना के विरुद्ध है। संस्था का मत है कि मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्तियां जुडिशियरी में से की जानी चाहिए। एक प्रस्ताव के द्वारा चेयरमैन रमौल में चतर सिंह चौधरी को एक आरटीआई के मामले में हाईकोर्ट जाने के लिए प्रस्तावित किया है ताकि वह उच्च न्यायालय में विद्युत विभाग द्वारा विभिन्न स्थानों पर बिजली मीटर लगाने के लिए अलग-अलग रेट के मामले के खिलाफ कार्यवाही करवा सके। इसके अतिरिक्त संस्था के कार्यकर्ताओं की अनदेखी पर गहरा अफसोस जताया। सूचना मे कार्यकर्ताओं ने पूछा कुछ और होता है और जवाब कुछ और मिलता है। जानबूझकर गलत जवाब दिया जाता है। बार-बार इन कार्यकर्ताओं को कोर्ट से निकाल दिया जाता है। जानबूझकर उनको इग्नोर किया जाता है। जबकि कार्यकर्ता अपने पैसे खर्च
कर आरटीआई भावना के अनुसार सरकार की कार्यशैली में सिस्टम से काम हो, उनका कार्य ट्रांसपेरेंट हो, इस उद्देश्य से सूचना मांगता है। ताकि संविधान के अनुसार कार्य हो। संस्था ने मांग की है कि आरटीआई कार्यकर्ता को उचित सुरक्षा प्रदान की जाए। इस मौके पर चेयरमैन आर एम रमौल, एम एल गुप्ता, एमएस कैंथ, इंदरजीत सिंह, चतर सिंह चौधरी और आरके गुप्ता आदि मौजूद रहे।