Sirmour: शहीद प्रमोद के माता-पिता ने दुल्हे की तरह सजाकर दी बेटे को अश्रुपूर्ण विदाई ddnewsportal.com

Sirmour: शहीद प्रमोद के माता-पिता ने दुल्हे की तरह सजाकर दी बेटे को अश्रुपूर्ण विदाई ddnewsportal.com

Sirmour: शहीद प्रमोद के माता-पिता ने दुल्हे की तरह सजाकर दी बेटे को अश्रुपूर्ण विदाई 

सरकार की तरफ से उद्योग मंत्री और प्रशासन ने दी श्रदांजलि, सैन्य-राजकीय सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन हुआ शिलाई का लाल 

जम्मू-कश्मीर के राजोरी के कांडी जंगल में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के शिलाई गांव के 26 वर्षिय पैराट्रूपर प्रमोद नेगी को हजारों लोगों ने शनिवार को अश्रुपूर्ण विदाई दी। माता तारा देवी ने अपने लाल को दूल्हे की तरह नोटों का हार पहनाकर, पिता देवेंद्र नेगी ने गले लगाकर, बहन मनीषा नेगी ने राखी बांध और सेना में तैनात छोटे भाई ने सैल्यूट कर शहीद प्रमोद को अंतिम विदाई दी।
सैन्य और राजकीय सम्मान के साथ हुए अंतिम संस्कार में शहीद की चिता को पिता और भाई ने मुखाग्नि दी। प्रमोद अविवाहित थे। अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए और हर आंख नम थी। इस दौरान प्रमोद अमर रहें, पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए गए।


इससे पहले हवाई मार्ग से शहीद प्रमोद की पार्थिव देह उत्तराखंड के गरसेन के शहीद रूचिन सिंह रावत के साथ शनिवार दोपहर देहरादून पहुंची थी। इसके बाद देहरादून से सड़क मार्ग से होते हुए जैसे ही तिरंगे में लिपटी प्रमोद की पार्थिव देह हिमाचल प्रदेश के प्रवेश द्वार पाँवटा साहिब पंहुची जहां प्रशासन सहित भूतपूर्व सैनिक संगठन पाँवटा साहिब और शिलाई, स्थानीय नेताओं और सैंकड़ों लोगों ने उपस्थिति दर्ज कर शहीद को भावभीनी श्रध्दांजलि दी। लोगों ने प्रमोद नेगी अमर रहे के नारे लगाए। पाँवटा साहिब सहित गिरिपार क्षेत्र के प्रवेश द्वार सतौन, कमरऊ और कफोटा आदि में भी सैंकड़ों लोग वीर शहीद को श्रध्दांजलि देने सड़क पर पंहुचे। जैसे ही पार्थिव देह शाम 5:00 बजे शिलाई पहुंची, तो समूचे गिरिपार इलाके में चीख-पुकार मच गई।
उसके बाद जैसे ही घर से प्रमोद अनंत यात्रा के लिए निकले तो सड़क किनारे राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला के विद्यार्थियों ने हाथों में तिरंगा लेकर शहीद को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। वहीं पहाड़ियों पर बैठे सैकड़ों लोग शहीद की वीरता की गाथा पर चर्चा करते दिखे। 

शाम करीब 6:45 बजे वीर सपूत मां भारती की गोद में समा गया। पुलिस व सेना की टुकड़ियों ने शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया। प्रमोद आजादी के ही दिन 15 अगस्त 1997 को जन्मे थे।
राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि के दौरान हजारों लोगों की आंखें नम थीं। शनिवार को शहीद के सम्मान में शिलाई क्षेत्र के बाजार भी बंद रखे गये। शहीद की शहादत पर समूचे गिरिपार में शोक की लहर तो है, लेकिन इलाके के लाखों ग्रामीणों का सीना फख्र से भी चौड़ा हो गया है। सरकार की तरफ से उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान श्रदांजलि देने पंहुचे, पूर्व विधायक बलदेव तोमर भी मौजूद रहे। साथ ही सेना के अधिकारी, प्रशासन, पुलिस और हजारों की संख्या में स्थानीय ग्रामीण भी मौजूद रहे।