शिमला के उपर आसमान में ढूंढा जा रहा बुढापा घटाने का तोड़ ddnewsportal.com

शिमला के उपर आसमान में ढूंढा जा रहा बुढापा घटाने का तोड़  ddnewsportal.com
फोटो साभार गूगल : अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन।

शिमला के उपर आसमान में ढूंढा जा रहा बुढापा घटाने का तोड़

अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए बड़ी रोचक है ये खबर, इस दिन से अंतरिक्ष में घूमता नजर आएगा अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन...

इस दुनिया में अधिकतर लोग है जो बूढ़ा नही होना चाहते। इसी बुढ़ापे को घटाने के लिए मी अब शोध होने शुरू हो खये है। और बड़ी खबर ये हैं कि यह शोध हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के उपर हो रहा है। जानकारी के मुताबिक हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से 400 किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष में अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आईएसएस) में बुढ़ापा घटाने का तोड़

ढूंढा जा रहा है। इसमें बैठे वैज्ञानिक इस विषय पर शोध कर रहे हैं कि क्या माइक्रो ग्रेविटी में रहते हुए बुढ़ापे को धीमा या कम किया जा सकता है। इसके लिए ऊत्तकों को बनाती कोशिकाओं पर माइक्रो ग्रेविटी के असर का अध्ययन किया जा रहा है। यह अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आईएसएस) अंतरिक्ष में शुक्रवार से घूमता नजर आएगा। आईएसएस 20 अगस्त को छोड़कर आगामी दिनों मेें 27 अगस्त तक दिखेगा। यह स्टेशन शिमला से एक चमकीले तारे की तरह चलता हुआ नजर आएगा। अंतरिक्ष मेें पृथ्वी के चक्कर काटता हुआ यह स्टेशन विद्यार्थियों और पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र होगा। नासा की ओर से जारी

शेड्यूल के मुताबिक 19 अगस्त को यह स्टेशन तड़के 5:07 बजे दक्षिण से पूर्व दिशा की ओर जाता दिखेगा। 21 को यह सुबह 5:06 बजे दक्षिण-पश्चिम से पूर्वोत्तर की ओर छह मिनट दिखेगा। 22 को 4:20 बजे यह दक्षिण-पूर्व से पूर्वोत्तर की ओर चार मिनट दिखेगा। 23 को भी आधी रात के बाद 3:33 बजे एक मिनट के लिए यह पश्चिम से पूर्वोत्तर को जाता दिखेगा। 23 की सुबह 5:06 बजे पश्चिम से पूर्वोत्तर की ओर, वहीं, 24 को तड़के 4:20 बजे पश्चिमोत्तर से पूर्वोत्तर की तरफ तीन मिनट के लिए जाएगा। 25 अगस्त को पूर्वोत्तर मेें आधी रात के बाद 3:33 बजे एक मिनट के लिए, 25 को ही सुबह 5:07 बजे पश्चिमोत्तर से उत्तर दिशा में तीन मिनट और 26 को पश्चिमोत्तर से पूर्वोत्तर की ओर 4:20 बजे दो मिनट तक दिखेगा। 27 अगस्त को आधी रात के बाद 3:34 बजे एक मिनट के लिए पूर्वोत्तर में नजर आएगा। ऐसे में अंतरिक्ष विज्ञान की शिक्षा ले रहे विद्यार्थियों के दिए भी यह क्षण ऐतिहासिक रहने वाला है।