Shimla Parliamentary Seat: कांग्रेस चारों खाने चित, मंत्री रोहित ठाकुर ने बचाई लाज ddnewsportal.com

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Shimla Parliamentary Seat: कांग्रेस चारों खाने चित, मंत्री रोहित ठाकुर ने बचाई लाज

कांग्रेस की सरकार होते 15 विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की लीड मंत्रियों के प्रति रोश या मोदी लहर! भाजपा प्रभारी सुखराम चौधरी का बढ़ा कद, पढ़ें, आंकड़ें क्या बोलते हैं... 

दिनेश कुमार पुंडीर/पाँवटा साहिब (सिरमौर)-

वैसे तो लोकसभा चुनाव में हिमाचल प्रदेश में भाजपा ने क्लीन स्वीप किया है लेकिन जिस तरह के परिणाम शिमला पार्लियामेंट्री सीट पर आए हैं वह कांग्रेस और सरकार के लिए चिंता का विषय जरूर है। कांग्रेस इस सीट को अपना मान रही थी। उम्मीद इसलिए भी थी क्योंकि 17 में से ज्यादातर विधानसभा क्षेत्र में गत विधानसभा चुनाव में जहां कांग्रेस ने जबरदस्त प्रदर्शन किया और लीड हासिल की वहीं, इसके इस लोकसभा चुनाव क्षेत्र से प्रदेश कांग्रेस सरकार में 6 कद्दावर कैबिनेट रैंक के मंत्री भी शामिल हैं। इस लिहाज से भाजपा ने भी इस सीट पर कड़ी मेहनत की थी। लेकिन जब परिणाम सामने आए तो चौंकाने वाले रहे। एकमात्र कैबिनेट मंत्री व कांग्रेस के शिमला संसदीय क्षेत्र के प्रभारी रोहित ठाकुर ही पार्टी की साख बचाने में कामयाब हो सके। 17 विधानसभा क्षेत्र की इस संसदीय सीट से कांग्रेस रोहड़ू और जुब्बल-कोटखाई में ही लीड ले पाई। बाकी 15 विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने बहुमत हासिल किया। शिमला जिले से रोहित ठाकुर के अलावा विक्रमादित्य सिंह और अनिरुद्ध सिंह कैबिनेट मंत्री है। विक्रमादित्य का तो माना कि वह मंडी में व्यस्त रहे इसलिए शिमला ग्रामीण से भाजपा लीड ले गई लेकिन कुसुम्पटी से भाजपा की लीड क्यों?
सबसे रोचक और हैरान कर देने वाली बात तो यह रही कि कांग्रेस के उम्मीदवार विनोद सुल्तानपुरी अपनी विधानसभा कसौली ही नही बल्कि जिले से भी करारी शिकस्त खा गये। कसौली से वह 3360 वोट पीछे रहे। इसके अलावा सोलन से सरकार मे वरिष्ठ मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल मौजूद है। संजय अवस्थी सीपीएस है। बावजूद इसके सोलन जिले से भाजपा ने 52 हजार से अधिक मतों की लीड हासिल की। 


वहीं यदि सिरमौर जिले की बात करें तो यहां भी कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। शिलाई से हर्षवर्धन चौहान सरकार में अहम मंत्री है फिर भी यहां से भाजपा लीड ले गई। श्रीरेणुका जी से भी विनय कुमार विधानसभा उपाध्यक्ष के पद पर आसीन है, यहां से भी भाजपा आगे रही। पाँवटा साहिब और नाहन तो पहले से तय था कि यहां भाजपा काफी आगे रहेगी। पच्छाद में भी थोड़ी ही सही लेकिन भाजपा उम्मीदवार सुरेश कश्यप लीड ले गये। 
ऐसे में सोंचने वाली बात ये है कि क्या इस तरह के परिणाम जनता में कांग्रेस सरकार या मंत्रियों के 15 माह के कार्यकाल की कार्यशैली के प्रति रोश है या इसे हम मोदी लहर कहेंगे। जानकार तो यह भी बता रहे हैं कि सिरमौर जिला के गिरिपार क्षेत्र में कांग्रेस को हाटी मामले में तथाकथित ढुलमुल रवैया अपनाने से भी नुकसान उठाना पड़ा है। यही वजह है कि गिरिपार क्षेत्र से भाजपा की 7 हजार वोटों से अधिक की लीड है, जबकि गिरिपार क्षेत्र से कांग्रेस के दो विधायक कैबिनेट रैंक का दर्जा प्राप्त है। 
हालांकि कांग्रेस पार्टी आने वाले समय में हार पर मंथन जरूर करेगी। ऐसे में मंथन के दौरान नेताओं से नही बल्कि आम कार्यकर्ताओं से पूछना बेहतर रह सकता है, कि हार के प्रमुख कारण क्या रहे? तभी असली हकीकत सामने आ सकती है।

■ सुखराम चौधरी का बढ़ा कद-

वैसे तो भाजपा में पाँवटा साहिब के विधायक व पूर्व ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कईं मर्तबा अपना रुतबा कड़ी मेहनत से दिखाया है, लेकिन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में शिमला संसदीय क्षेत्र में उनके प्रभारी रहते 17 मे से 15 विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की लीड आना उनकी बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। साथ ही अपनी विधानसभा पाँवटा साहिब से भाजपा की 15 हजार से अधिक की बढ़त हासिल की। ऐसे में यह माना जा रहा है कि निकट भविष्य में सुखराम चौधरी को पार्टी बड़ी जिम्मेदारी भी दे सकती है।

■ ये है मंत्रियों की परफार्मेंस-

● रोहित ठाकुर, शिक्षा मंत्री: जुब्बल-कोटखाई और रोहड़ू से कांग्रेस की 14982 की लीड।

● विक्रमादित्य सिंह, लोनिवि मंत्री: शिमला ग्रामीण से कांग्रेस की 6448 मतों से हार।

● अनिरुद्ध सिंह, पंचायतीराज मंत्री: कसुम्पटी से कांग्रेस की 6039 मतों से हार।

● कर्नल धनीराम शांडिल, सामाजिक न्याय मंत्री: सोलन से कांग्रेस की 5015 वोटों से हार।

● हर्षवर्धन चौहान, उद्योग मंत्री: शिलाई से कांग्रेस की 2317 मतों से हार।

● विनय कुमार, विधानसभा उपाध्यक्ष: श्रीरेणुका जी से कांग्रेस की 4485 मतों से पराजय।