Himachal News: अब एक दिन में बेच सकेंगे 2 लाख रूपये तक के स्टांप पेपर ddnewsportal.com
Himachal News: अब एक दिन में बेच सकेंगे 2 लाख रूपये तक के स्टांप पेपर
हिमाचल सरकार ने जारी की अधिसूचना, 2024 से भौतिक रूप से पूर्ण बंद...
हिमाचल प्रदेश में अब बिक्रेता एक दिन में दो लाख रुपये तक के स्टांप पेपर बेच सकेंगे। पहले ये लिमिट 20 हजार रूपये तक की थी। प्रदेश सरकार के इस निर्णय से स्टांप विक्रेताओं की आय में इजाफा भी होगा। हालांकि प्रदेश में ई-स्टांप प्रणाली को वर्ष 2011 में शुरू किया गया था, लेकिन अब राज्य सरकार ने आगामी वित्त वर्ष से हिमाचल प्रदेश में पूरी तरह से ई-स्टांप प्रणाली से बिक्री करने का निर्णय लिया है। सुक्खू सरकार के बजट सत्र में इसका एलान किया था। शुक्रवार को इस बारे अधिसूचना जारी की गई है।
राज्य के अधिकृत स्टांप विक्रेताओं को एक वर्ष में भौतिक ई-स्टांप पेपर से ई-स्टांप प्रणाली अपनाने का समय दिया गया है। साथ ही राज्य में सरकार ने भौतिक स्टांप पेपरों की छपाई पर रोक लगा दी है। सरकार पहले ही निर्णय ले चुकी है कि 1 अप्रैल, 2023 से 31 मार्च, 2024 तक स्टांप पेपर तथा ई-स्टांप पेपर की दोहरी प्रणाली को जारी रखा जाएगा तथा 1 अप्रैल 2024 से भौतिक रूप से स्टांप पेपर पूर्ण रुप से बंद कर दिए जाएंगे।
स्टांप विक्रेताओं को प्राधिकृत एकत्रीकरण केंद्र के रूप में प्राधिकृत किया जाएगा। साथ ही उपभोक्ताओं को लाभान्वित करने के लिए सेंट्रल रिकॉर्ड कीपिंग एजेंसी स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के पोर्टल पर ई-स्टांप तैयार किए जा सकेंगे। हिमाचल प्रदेश में ई-स्टांपिंग प्रणाली के पूर्ण रूप से अपनाने से 30 से 50 करोड़ रुपये तक की बचत होगी।
गोर हो कि वर्तमान में भौतिक स्टांप पेपरों की छपाई पर प्रतिवर्ष 30 से 50 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। 500 रुपये मूल्य तक के स्टांप पेपर की छपाई के लिए 20 रुपये, 1000 से 5000 रुपये मूल्य के स्टांप पेपर के लिए 22 रुपये तथा 10000 से 25000 रुपये मूल्य के स्टांप पेपर पर 23 रुपये की लागत आती है। ऐसे में सरकार का इस पर बड़ा खर्च हो रहा है। इसलिए पहली अप्रैल 2024 से भौतिक रूप से स्टांप पेपर पूर्ण रुप से बंद कर दिये जायेंगे।