बरसात के जख्म: अगले दो माह में पर्यटन कारोबार को 5 हजार करोड़ रुपए का नुकसान ddnewsportal.com
बरसात के जख्म: अगले दो माह में पर्यटन कारोबार को 5 हजार करोड़ रुपए का नुकसान
प्राकृतिक आपता के चलते हुई तबाही से उबरना हिमाचल की बड़ी चुनौती, साहसिक गतिविधियां भी ठप्प
हिमाचल में तबाही की बरसात राज्य को ऐसे जख्म दे गई है जिसकी आने वाले दिनो में भरपाई करना मुश्किल है। यह जख्म आने वाले समय में तब नासूर बन जायेंगे जब पर्यटन के क्षेत्र मे राज्य की आर्थिक कमर टूटने की कगार पर होगी। किसी भी आपदा के दो तरह के प्रभाव सामने आते है। एक उसी समय और दूसरे उसके बाद के संभावित प्रभाव यानि आफ्टर इफेक्ट।
राज्य में आई प्राकृतिक आपदा के चलते हिमाचल प्रदेश का पर्यटन कारोबार अगले दो महीने तक उबर नहीं पाएगा। दो माह में पर्यटन कारोबार को करीब 500 करोड़ के नुकसान की संभावना है। होटल और ट्रेवल इंडस्ट्री को नुकसान की भरपाई करना मुश्किल हो जाएगा। सैलानी होटलों की एडवांस बुकिंग रद्द करवा रहे हैं। ट्रेवल एजेंट्स एसोसिएशन शिमला के महासचिव मनु सूद ने कहा कि जुलाई और अगस्त में अधिकतर सैलानी स्पीति, लेह, लद्दाख, किन्नौर, सरचू, जिस्पा का रुख करते हैं। आपदा की भयावह तस्वीरों और वीडियो से सैलानी सकते में हैं। सितंबर के बाद ही सैलानियों के दोबारा हिमाचल का रुख करने की संभावना है।
वहीं, कुल्लू जिले में जुलाई के दूसरे सप्ताह में आई त्रासदी के बाद साहसिक गतिविधियाें पर करीब एक सप्ताह पहले ब्रेक लग गई है। ब्यास नदी में आई बाढ़ के चलते एक सप्ताह पहले राफ्टिंग सहित अन्य गतिविधियां बंद हैं। जबकि पैराग्लाइडिंग भी नहीं हो रही है। आधिकारिक तौर पर 15 जुलाई से 15 सितंबर तक
साहसिक गतिविधियां बरसात के चलते बंद रहती हैं। जिसके चलते देश विदेश के सैलानियों को साहसिक गतिविधियां रिवर राफ्टिंग और पैराग्लाइडिंग का आनंद उठाने के लिए दो महीनों का इंतजार करना होगा। 15 सितंबर के बाद साहसिक गतिविधियां फिर से शुरू हो जाएंगी। बता दें कि जिले में साहसिक गतिविधियों से करीब 10,000 लोग जुड़े हुए हैं। इसमें युवाओं की संख्या अधिक है। युवाओं को साहसिक गतिविधियों के माध्यम से घरद्वार पर रोजगार मिल रहा है।