Paonta Sahib: एशियन स्कूल पाँवटा साहिब में अर्थ डे पर रचनात्मक कार्यक्रमों की धूम, डायरेक्टर प्रिंसिपल देविंद्र साहनी ने दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश ddnewsportal.com

Paonta Sahib: एशियन स्कूल पाँवटा साहिब में अर्थ डे पर रचनात्मक कार्यक्रमों की धूम, डायरेक्टर प्रिंसिपल देविंद्र साहनी ने दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश  ddnewsportal.com

Paonta Sahib: एशियन स्कूल पाँवटा साहिब में अर्थ डे पर रचनात्मक कार्यक्रमों की धूम, डायरेक्टर प्रिंसिपल देविंद्र साहनी ने दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

पाँवटा साहिब के किशनपुरा स्थित द एशियन स्कूल में विश्व पृथ्वी दिवस (अर्थ डे) बड़े उत्साह और जागरूकता के साथ मनाया गया। इस वर्ष का विषय पृथ्वी बचाओ, जीवन बचाओ रहा, जिसे छात्रों ने अपने विचारों और रचनात्मक प्रस्तुतियों के माध्यम से जीवंत किया।


कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय की डायरेक्टर प्रिंसिपल देविंद्र साहनी ने की। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “धरती हमारी सांझी धरोहर है, इसे बचाना हम सबकी ज़िम्मेदारी है।” उन्होंने छात्रों को पेड़ लगाने, प्लास्टिक का उपयोग कम करने, और जल संरक्षण जैसे छोटे-छोटे लेकिन महत्वपूर्ण प्रयासों के लिए प्रेरित किया।
विद्यालय में इस अवसर पर अनेक रचनात्मक और ज्ञानवर्धक गतिविधियाँ आयोजित की गईं, जिनमें छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।


पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में कुल 52 छात्रों ने भाग लिया।
जिसमे जूनियर कैटेगरी में पाँचवीं कक्षा  के सूर्यांश ने प्रथम स्थान और चौथी कक्षा के राघव ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
सीनियर कैटेगरी में आस्था ने प्रथम स्थान और दिशान ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। इन प्रतिभागियों ने विषय के अनुरूप शानदार पोस्टर प्रस्तुत किए।
स्टोन पेंटिंग प्रतियोगिता में 15 विद्यार्थियों ने भाग लिया और अपनी कला से पर्यावरणीय चेतना को अभिव्यक्त किया।
कविता एवं भाषण प्रतियोगिता में 5 छात्रों ने भाग लिया और प्रभावशाली विचार साझा किए।


लघु नाटिका  में कक्षा सातवीं के सभी छात्रों ने भाग लिया और पृथ्वी को बचाने की आवश्यकता को अभिनय के माध्यम से दर्शाया।
इस आयोजन ने छात्रों के भीतर पर्यावरण के प्रति जागरूकता, रचनात्मकता और सामाजिक ज़िम्मेदारी की भावना को और गहरा किया।
विद्यालय का यह निरंतर प्रयास रहेगा कि सभी प्रमुख दिवसों और त्योहारों को मनाया जाए, ताकि छात्र न केवल शैक्षणिक रूप से सक्षम बनें, बल्कि सामाजिक चेतना, रचनात्मकता और सांस्कृतिक मूल्यों को भी आत्मसात कर सकें।


कार्यक्रम के समापन पर विद्यालय प्रबंधन द्वारा सभी प्रतिभागियों की सराहना की गई और भविष्य में भी इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रमों को नियमित रूप से आयोजित करने की बात कही गई।