बद्दी की स्थिति खराब तो पांवटा साहिब की हवा भी उतनी अच्छी नहीं ddnewsportal.com

बद्दी की स्थिति खराब तो पांवटा साहिब की हवा भी उतनी अच्छी नहीं  ddnewsportal.com
फाइल फोटो: शिमला शहर, हिमाचल प्रदेश।

बद्दी की स्थिति खराब तो पांवटा साहिब की हवा भी उतनी अच्छी नहीं

राजधानी शिमला की हवा सांस लेने के लिहाज से बेहतर, एयर क्वॉलिटी इंडेक्स में...

वैसे तो औद्योगिक क्षेत्रों में प्रदूषण की समस्या अक्सर बनी रहती हे लेकिन यदि एयर क्वालिटी इंडेक्स में यह खतरे के संकेत दें तो चिंता बढ़ जाती है। बात अगर उस पहाड़ी राज्य की हो जहां अक्सर पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है तो प्रदेश को चितन करने पर बिवश जरूर होना पड़ेगा। दरअसल, एयर क्वालिटी इंडेक्स में प्रदेश के कुछ शहरों के जो फिगर सामने आए हैं वो आने वाले समय में खतरे की घंटी बजा गये हैं। 
दरअसल, हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला की हवा सांस लेने के लिहाज से प्रदेश के अन्य शहरों से बेहतर है। प्रदेश में वायु गुणवत्ता में शिमला का सूचकांक मनाली और धर्मशाला से अच्छा है। अगर वायु गुणवत्ता की बात करें तो राज्य में शिमला, धर्मशाला, मनाली, सुंदरनगर और परवाणू की स्थिति अच्छी है। 
लेकिन वहीं यदि औद्योगिक क्षेत्र के शहर ऊना, डमटाल, पांवटा साहिब, कालाअंब, बरोटीवाला और नालागढ़ की बात करें तो इश शहरों को संतोषजनक श्रेणी में रखा गया है। यानी इनकी स्थिति पहले वाली श्रेणी से कुछ खराब है। जबकि बद्दी मध्यम है। यानी बद्दी की वायु गुणवत्ता की स्थिति इन तमाम क्षेत्रों से खराब है। 

एयर क्वालिटी इंडेक्स में शिमला का सबसे अच्छा 18, सुंदरनगर का 43, परवाणू का 45, मनाली 47 और धर्मशाला का 49 है। संतोषजनक वायु गुणवत्ता क्षेत्रों में यह डमटाल में 55, नालागढ़ में 70, ऊना में 72, कालाअंब में 77 और बरोटीवाला में 96 है। पाँवटा साहिब भी इसी श्रेणी में है। 
बद्दी में यह मध्यम यानी 163 है। दिल्ली का इंडेक्स 306 है। हालांकि हिमाचल प्रदेश के तमाम क्षेत्र देश भर के अन्य शहरों के बजाय एयर क्वालिटी इंडेक्स में अच्छे हैं। लेकिन औद्योगिक क्षेत्र के शहरों में वायु गुणवत्ता में सुधार की जरूरत है। 

हिमाचल में ग्रीन कवर अच्छा, प्रदूषणकारक गतिविधियां कम- 

हिमाचल प्रदेश में ग्रीन कवर बहुत अच्छा है। यानी यहां हरे-भरे पेड़ वायु प्रदूषण को सोख लेते हैं। यह भी एक बड़ी वजह है कि यहां पर प्रदूषणकारक गतिविधियां कम हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की भी यहां पर हर गतिविधि पर पैनी नजर रहती है। हिमाचल प्रदेश के शिमला शहर में इलेक्ट्रिक बसों की शुरुआत भी इसी की दिशा में एक अच्छी पहल है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि  हिमाचल प्रदेश में तो बद्दी जैसे औद्योगिक क्षेत्र में भी मध्यम इंडेक्स रहता है, जो दिल्ली से भी काफी कम है।