खबर से खबर- आपसी खींचतान में फंसकर न रह जाए ब्लाॅक का मुद्दा- ddnewsportal.com

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खबर से खबर- आपसी खींचतान में फंसकर न रह जाए ब्लाॅक का मुद्दा

क्षेत्रवाद की हवा कहीं राजनैतिक साजिश तो नही, जनता को एकजुट होकर देना चाहिए बुद्धिमत्ता का परिचय

शिलाई विधानसभा क्षेत्र के लिए दूसरा बीडीओ कार्यालय प्रस्तावित है। लेकिन ब्लाॅक खुलने से पहले कहीं आपसी खींचतान और क्षेत्रवाद की भेंट न चढ़ जाए। इसके लिए कफोटा व कमरऊ क्षेत्र के बुद्धिजीवियों को एक मंच पर बैठकर उभर रही समस्या का समाधान कर अपनी बुद्धिमत्ता का परिचय देना चाहिए वरना पिछले कईं दशकों की तरह कहीं फिर से यह मुद्दा राजनीति के ठंडे बस्ते मे न डल जाएं। दरअसल, शिलाई विधानसभा के बीच के क्षेत्र मे दूसरा ब्लाॅक प्रस्तावित है। लेकिन इस बीच जो देखने को मिल रहा हैं उससे नेताओं को इस मांग को आगे खिसकाने या रद्दी की टोकरी मे डालने का एक बढ़िया मुद्दा व बहाना मिल सकता है। पहले कफोटा क्षेत्र के भाजपा जोन के पदाधिकारी और भाजपा सहित संघ के वर्कर पांवटा साहिब आते हैं और बीडीओ पांवटा साहिब गौरव धीमान को

करीब एक दर्जन पंचायतों की ग्राम सभाओं के प्रस्ताव कफोटा के पक्ष मे देकर ब्लाॅक कार्यालय कफोटा मे खोलने की मांग करते हैं। लेकिन फिर अगले ही दिन कमरऊ मे चार पंचायतों के जन प्रतिनिधियों और बुद्धिजीवियों की बैठक होती है जिसमे बीडीओ कार्यालय जल्द ही तिलौरधार मे खोलने की मांग की जाती है, जहां पर पहले ही सर्वे भी हो चुका है और जमीन राजस्व विभाग के नाम भी की जा चुकी है। ऐसे मे बैठे बैठाए नेताओं को मुद्दा दे दिया। दरअसल, नेताओं को अक्सर अपने वोट बैंक की चिंता रहती है। फिर न तो सरकार हो या विपक्ष मे बैठे राजनैतिक नुमाईंदे यह कभी नही चाहेंगें कि कफोटा क्षेत्र की जनता नाराज हो या कमरऊ क्षेत्र के लोगों की नाराजगी मोल लेनी पड़े। जानकारों की माने तो

यह मुद्दा कथित राजनैतिक साजिशन के तहत खींचतान मे बदलकर ठंडे बस्ते मे डालने का अंदरूनी प्लान भी हो सकता है। इसलिए अब यह ज़रूरी हो गया है कि क्षेत्र के बुद्धिजीवियों को इस मुद्दे पर एक मंच पर आकर मिल बैठकर बात करनी होगी और समाधान स्वयं ही निकालना होगा ताकि नेताओं के पास कोई बहाना न रहे और ब्लाॅक की क्षेत्र की पुरानी डिमान्ड भी पूरी हो सके। इसके लिए सभी को अहम त्याग कर आपसी भाईचारे और बुद्धिमत्ता का परिचय देकर क्षेत्र को विकास के रास्ते पर अग्रसर करना चाहिए न कि टकराव की स्थिति पैदा कर नेताओं को बहाना देना चाहिए।