Paonta Sahib: चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने किया धारा 118 सरलीकरण संबंधित विधेयक-2025 का समर्थन, अध्यक्ष सतीश गोयल बोले... ddnewsportal.com
Paonta Sahib: चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने किया धारा 118 सरलीकरण संबंधित विधेयक-2025 का समर्थन, अध्यक्ष सतीश गोयल बोले...
हिमाचल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज पाँवटा साहिब चैप्टर के अध्यक्ष सतीश गोयल ने हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा धारा 118 के सरलीकरण को लेकर विधानसभा में प्रस्तुत किए गए हिमाचल प्रदेश अभिधृति एवं भूमि सुधार संशोधन विधेयक 2025 का समर्थन किया है। उन्होंने इसे प्रदेश के विकास की ओर बढ़ता एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। इस विधेयक के पास होने से जहां उद्योगपतियों को फालतू की औपचारिकताओं से छुटकारा मिलेगा वहीं राज्य मे औद्योगिक निवेश बढ़ेगा। इससे यहां रोजगार के अधिक अवसर मिलेंगे और प्रदेश विकास की दिशा में आगे बढ़ेगा।
अध्यक्ष सतीश गोयल ने कहा कि उद्योगपति लंबे समय से धारा 118 के जटिल नियमों से खासा परेशान है। यहां तक कि बहुत सी इंडस्ट्रीज इन सख्त नियमों के चलते प्रदेश से पलायन तक कर चुकी है। लेकिन अब सरकार इस दिशा में सोंच रही है यह प्रशंसनीय है। उद्योग जगत इस फैसले का स्वागत करता है और उम्मीद है कि जल्द ही यह विधेयक पास हो जायेगा।

बता दें कि हिमाचल प्रदेश अभिधृति एवं भूमि सुधार अधिनियम 1972 की धारा 118 को राज्य सरकार सरल करने जा रही है। इसके लिए धारा 118 के तहत बनाए जाने वाले नियमों में संशोधन का प्रस्ताव विधानसभाओं पेश किया गया है। इसका उद्देश्य राज्य में विभिन्न श्रेणियों के उद्योगों और कारोबार की स्थापना के लिए जमीन की उपलब्धता में परेशानी कम करना बताया जा रहा है। इसके तहत कारोबार और उद्यम के लिए भूमि की उपलब्धता को लेकर धारा 118 में संशोधन का प्रस्ताव किया जाएगा।
हालांकि, विपक्ष के विरोध के चलते य़ह संशोधन इस सत्र में पास नहीं हो पाया और अब इसे सिलेक्ट कमेटी में भेजा जाएगा। सीएम ने विपक्ष के सुझाव माने और कहा कि इस संशोधन विधेयक को सिलेक्ट कमेटी को भेजा जाएगा। सीएम के आग्रह पर स्पीकर ने यह ऐलान किया और फिर सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई।

■ सरकार चाह रही ये बदलाव:
सरकार ने तय किया था कि धारा 118 के तहत खरीदी जमीन पर बनाए जा रहे किसी प्रोजेक्ट का काम पांच साल में 70 फीसदी पूरा हो गया तो सरकार एक्सटेंशन पेनेल्टी के साथ एक साल का और वक्त देगी। वहीं, विधेयक में अब प्रावधान किया जा रहा था कि 100 फीसदी कृषक सदस्यों वाली सहकारी समितियों को धारा-118 के तहत मंजूरी की जरूरत नहीं पड़ेगा। ग्रामीण इलाकों में अल्पावधि के लिए लीज पर भवन बाहरी ले सकेंगे और ऐसा वह दस साल के लिए कर सकते हैं। इसके अलावा, निजी बिल्डरों की ओर से बनाए गए फ्लैट खरीदने की लेकर भी छूट देने का प्रावधान किया गया था। इसमें धारा 118 के तहत मंजूरी नहीं लेने होगी।
