शिलाई: मां काली की आराधना के साथ आज से शुरू हुआ माघी पर्व ddnewsportal.com

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शिलाई: मां काली की आराधना के साथ आज से शुरू हुआ माघी पर्व

गिरिपार क्षेत्र मे सदियों से मनाए जाने वाले पर्व की है अलग पहचान। 

जिला सिरमौर मे परंपराओं और संस्कृति के धनी गिरिपार क्षेत्र के हाटी हर वर्ष पोष माह को मनाये जाने वाले माघी त्योहार की शुरुआत हो गई है। क्षेत्र के लोगो ने मां काली क नाम की प्रसाद्ध की कड़ाही बनाकर उनकी आराधना के साथ पर्व का आगाज़ कर दिया है। बुधवार को गिरिपार क्षेत्र में लोगों ने इस पर्व को धूमधाम से मनाया जा रहा है। 
जानकारी के मुताबिक गिरिपार क्षेत्र मे माघी त्योहार सदियों से मनाया जाता है। परंपरा के मुताबिक इस पर्व पर बकरा काटा जाता है तथा मां काली के नाम की कड़ाही चढ़ाई जाती है। बुर्जुगों के मुताबिक मां काली पूरे साल उनकी हर कष्टों से रक्षा करती है। इस पर्व को लेकर क्षेत्र के लोगों मे उत्साह रहता है। अहम यह है कि इस पर्व के लिये घर से बाहर रोजी रोटी के जुगाड़ मे व नौकरी कर रहे नौकरीपैशा लोग भी घर जरुर आतें है। इससे परिवार

मिलन भी हो जाता है और पर्व भी मनाया जाता है। जानकारी के मुताबिक यह माघी त्योहार गिरिपार क्षेत्र के तहसील शिलाई, संगडा़ह, राजगढ़, कमरउ, उपतहसील रोनहाट तथा पांवटा तहसील की आंजभोज की पंचायतों समैत उत्तराखण्ड के जोंसार बाबर और शिमला जिले मे बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। पर्व के पहले दिन दूर-दूर से नौकरीपैशा लोग परिवार समैत अपने घर पंहुचे। पूरे परिवार ने मिलकर पारंपरिक व्यंजनों का लुत्फ उठाया तथा मिल-जुलकर इस पर्व को मनाया। बहरहाल, गिरिपार क्षेत्र मे माघी पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। 

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पर्व पर काटे जाते है बकरे-

उक्त पर्व पर क्षेत्र मे बकरे काटे जाते है। हालांकि अब क्षेत्र मे करीब 50 फीसद परिवार ऐसे हो चुके है जो शाखाहारी तरीके से बिना बकरे काटे इस पर्व को मनाते है। सबसे बड़ी बात यह है कि साल मे एक बार वह लोग भी घर आ जाते है जो काम के सिलसिले मे साल भर बाहर रहते है।