सिरमौर के किसान 31 दिसम्बर तक कर सकेंगे रबी मौसम की फसलों बीमा ddnewsportal.com

सिरमौर के किसान 31 दिसम्बर तक कर सकेंगे रबी मौसम की फसलों बीमा ddnewsportal.com

सिरमौर के किसान 31 दिसम्बर तक कर सकेंगे रबी मौसम की फसलों बीमा

प्रधानमन्त्री फसल बीमा योजना के अर्न्तगत 14 दिसम्बर तक लहसुन की फसल का होगा इंश्योरेंस, कृषि उप निदेशक डा. पवन कुमार ने दी जानकारी

जिला सिरमौर में किसान प्रधानमन्त्री फसल बीमा योजना के अर्न्तगत रबी मौसम 2020-21 में गेहूं, जौ व लहसुन फसलों फसलों का बीमा करवाने सकते है। यह जानकारी कृषि उप निदेशक डा. पवन कुमार ने दी। उन्होने

बताया कि  इस योजना के अन्तर्गत रबी मौसम में गेहूं, जौ का बीमा करवाने की अन्तिम तिथि 31 दिसम्बर 2020 निर्धारित की गई है जबकि पुर्नगठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के अर्न्तगत जिला में लहसुन की फसल का बीमा करवा 14 दिसम्बर 2020 तक कर सकते है। किसान इन फसलों का बीमा अपने नजदीकी लोकमित्र केन्द्रों के माध्यम से करवा सकते है। उन्होने बताया कि किसान आवेदन करते समय अपने दस्तावेज जैसे जमाबन्दी. आधार कार्ड, बैंक पास बुक, बिजाई प्रमाण पत्र अदि लेकर लोकमित्र केन्द्रों में जाकर आनलाईन पार्टल पर आवेदन कर सकते है। लोकमित्र केन्द्रों को इस बारे सूचित कर दिया गया है तथा आवश्यक जानकारी प्रदान कर दी गई है। उन्होने बताया कि ऋणी किसानो के लिए यह फसल बीमा योजना ऐच्छिक कर दी गई है। जो किसान इस योजना का लाभ नहीं लेना चाहते, वह किसान अपने नजदीकी बैंक शाखा को सूचित करें। उन्होने बताया कि गेहुं की फसल के लिए कुल बीमा राशि 30,000 हजार रूपये व जौं की फसल की कुल बीमा राशि 25,000 रुपये निर्धारित की गई है। किसानो को गेंहू की फसल के लिए 36 रूपये प्रति बीघा तथा जौं की फसल के लिए भी 30 रूपये प्रति बीघा प्रीमीयम राशि अदा करनी होगी इसके अतिरिक्त लहसुन की फसल के लिए बीमा राशि 75,000 रूपये प्रति हैक्टेयर निर्धारित की गई है। लहसुन के लिए 300 रूपये प्रति बीधा बीमा राशि निर्धारित की गई है।
पुर्नोत्थान प्रधानमन्त्री फसल बीमा योजना के अर्न्तगत कम वर्षा, सूखा, बाढ. सैलाब, भूमि कटाव ओलावृष्टि और फसल कटाई के उपरान्त दो सप्ताह तक

होने वाले नुकसान तथा स्थानीयकृत आपदाओं को कवर किया जाता है। उन्होने जिला के सभी किसानों से अपील करते हुए कहा है कि वह गेहूं, जौं व  लहसुन की फसलों का बीमा करवाएं ताकि फसलों को नुकसान होने पर बीमा कम्पनियों से मुआवजा मिल सके।