IAF GaganShakti: क्या आपके घर के उपर भी सुनाई दे रही फाइटर जेट की गर्जन, घबरायें नहीं, ये है सबसे बड़ा... ddnewsportal.com
IAF GaganShakti: क्या आपके घर के उपर भी सुनाई दे रही फाइटर जेट की गर्जन, घबरायें नहीं, ये है सबसे बड़ा युद्धाभ्यास
पिछले दो-तीन दिन से आप अपने क्षेत्र में आसमान में बड़ी गर्जना सुन रहे होंगे, साथ ही फाइटर जेट भी आपके क्षेत्र में दिखाई दे रहे होंगे, तो घबरायें नहीं क्योंकि ये कोई खतरे की निशानी नही बल्कि भारत की ताकत की निशानी है। कईं लोग सोशल प्लेटफॉर्म पर दिन रात हो रही इस गर्जन को लेकर सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर ये हो क्या रहा है। हिमाचल प्रदेश में भी यह गर्जन साफ सुनाई दे रही है। प्रदेश के सिरमौर जिला के लोग भी इस बाबत उत्सुक है कि ये क्या चल रहा है, तो हम आपको इस खबर में बताने जा रहे हैं कि इस गर्जन की वजह क्या है।
दरअसल, भारतीय वायु सेना का देश का सबसे बड़ा हवाई सैन्य अभ्यास 'गगन शक्ति' शुरु हुआ है। इसमें देश के सभी वायु सेना स्टेशन की भागीदारी हो रही है। 1 अप्रैल से पोकरण स्थित फील्ड फायरिंग रेंज में इस युद्धाभ्यास का शुभारंभ हुआ जो कि 10 दिन तक चलने वाला है। इस युद्धाभ्यास में वायु सेना के करीब 10 हजार वायु सैनिक हिस्सा ले रहे हैं। यह युद्धाभ्यास पाकिस्तान-चीन से संभावित खतरे को देखते हुए माना जा रहा है।
भारत-पाकिस्तान की पश्चिमी सीमा पर अवस्थित जैसलमेर जिले की पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज एक बार फिर भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों की गर्जना और प्रहारक शक्ति की गवाह बन गई है। वायुसेना ने सोमवार से इस रेंज में सबसे बड़ा युद्धाभ्यास गगन शक्ति शुरू कर दिया। यह 10 अप्रैल तक चलेगा। युद्धाभ्यास में वायुसेना के सभी प्रमुख लड़ाकू विमान और अत्याधुनिक हेलीकॉप्टर्स अपनी प्रहारक क्षमता का प्रदर्शन करेंगे। भारतीय थल सेना की तरफ से सहयोग किया जाएगा। गौरतलब है कि गत 12 मार्च को पोकरण फायरिंग रेंज में सुरक्षा क्षेत्र में देश की आत्मनिर्भरता को भारत शक्ति अभ्यास के नाम से प्रदर्शित किया गया था। जिसे देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यहां पहुंचे थे। गगन शक्ति युद्धाभ्यास में भारतीय वायुसेना के करीब 10 हजार वायुसैनिकों के भाग लेने की जानकारी सामने आई है। इस
दौरान वायुसेना के सभी हवाई अड्डे सक्रिय होंगे। अभ्यास में तेजस, राफेल, सुखोई 30, जगुआर, ग्लोबमास्टर, चिनूक, अपाचे, प्रचंड सहित कई लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर्स की भागीदारी रहेगी। इस युद्धाभ्यास को वायुसेना का सबसे बड़ा अभ्यास माना जा रहा है।
■ थल सेना देगी सहयोग-
युद्धाभ्यास में वायुसेना का भारतीय थल सेना की तरफ से सहयोग दिया जा रहा है। सेना की तरफ से मोबिलाइजेशन का जिम्मा संभाला जा रहा है। बताया जाता है कि रक्षा मंत्रालय ने इस अभ्यास के तहत ऑपरेशनल रेल मोबिलाइजेशन प्लान को मंजूरी प्रदान की है। जिससे 10 हजार वायु सैनिकों व गोला-बारूद की देशभर में आवाजाही की सुविधा हो सके। गगन शक्ति में उत्तरी व पश्चिमी मोर्च को संयुक्त रूप से शामिल करते हुए वायुसेना अलग-अलग हिस्सों में अभ्यास करेगी। जानकारी के मुताबिक वायुसेना के लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर्स अलग-अलग शहरों में बने वायुसेना के हवाई अड्डों से उड़ान भरते हुए पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में बनाए गए लक्ष्यों पर निशाना साधेंगे।