गौवंश संरक्षण को नड्डा-जयराम से मिले गोसेवक सचिन ओबरॉय ddnewsportal.com

गौवंश संरक्षण को नड्डा-जयराम से मिले गोसेवक सचिन ओबरॉय ddnewsportal.com
पाँवटा साहिब: गोसंरक्षण को लेकर 10 सूत्रीय मांगपत्र सौंपने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से बातचीत करते गोसेवक सचिन ओबरॉय और साथी।

गौवंश संरक्षण को नड्डा-जयराम से मिले गोसेवक सचिन ओबरॉय 

सौंपा 10 सूत्रीय मांगपत्र, लंपी रोग की दवा बनाने वाले डाॅ रोहताश नांगिया की मेडिसिन का ट्रायल कर गोपालकों को जल्द उपलब्ध करवाने की उठाई मांग।

पाँवटा साहिब के गोसेव सचिन ओबेरॉय ने गोवंश संरक्षण और संवर्धन को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मुलाकात की। यहां के होटल यमुना में अपने साथियों एडवोकेट शशिपाल चौधरी और अजय संसारवाल के साथ उन्होंने अपना मांग पत्र मुख्‍यमंत्री जयराम

ठाकुर को सौंपा और गौवंश की भलाई के लिए इनको जल्द पूरा करने की मांग उठाई। साथ ही पाँवटा साहिब के होम्योपैथिक चिकित्सक डाॅ रोहताश नांगिया द्वारा लंपी त्वचा रोग की रोकथाम के लिए बनाई मेडिसिन का जल्द ट्रायल कर इसे गोपालकों को जल्द उपलब्ध करवाने की भी मांग की। 
मांगपत्र में कहा गया है कि इतिहास में पहली बार आपकी सरकार ने गोसंरक्षण हेतु गोसेवा आयोग का गठन कर निराश्रित गोवंश को संरक्षण देने की मुहीम चलाई परन्तु अब भी प्रदेशभर में करीब 15,000 व जिला सिरमौर में करीब 1,000 गोवंश सड़कों पर है। इस सम्बन्ध में हम सभी गोसेवकों की कुछ मांगें है जिनमे उत्तराखंड की तर्ज पर गोमाता को देवभूमि हिमाचल प्रदेश की राज्यमाता घोषित किया जाए तथा इसके लिए कठोर नीति के तहत सख्त क़ानून बनाया जाए 
प्रदेशभर की सड़कों से एक विशेष मुहीम के तहत समस्त गोवंश को तुरंत प्रभाव से गो-अभ्यारण्य में भेजा जाए जिसमे सभी प्रदेशवासी सहभागी बनें तथा गोअभ्यारन्यों को शेष बचा बजट जल्द जारी किया जाए ताकि उनमें जल्द 2,000 पशु रखने की व्यवस्था हो सके।
सीमान्त इलाके जिला सिरमौर के लिए एक नए गो-अभ्यारण्य की प्राथमिकता से शीघ्र स्थापना की जाए। 
हिमाचल में भी हरियाणा की तर्ज पर गो-कास्ट व अन्य बाई-प्रोडक्ट्स की मशीनों के लिए सब्सिडी दी जाए ताकि बेरोज़गार युवा गोमाता को रोज़गार के लिए अपनाए।


गोबर से बने प्रोडक्टस (धुप, अगबत्ती, उपले, घृत) को राशन डीपो में बेचने का प्रावधान किया जाए जोकि आजकल बड़े शहरों में आनलाइन बिक रहे हैं 
गो-कास्ट को शमशान घाट में 40% इस्तेमाल किए जाने के सरकारी आदेश दिए जाएं जिसासे पेड़ व पर्यावरण बचेंगे। 
गोबर से बनी वर्मी कम्पोस्ट व घनजीवामृत खाद को भी यूरिया खाद के साथ 20-40% कोटा देकर खाद केन्द्रों पर उपलब्द्ध कराया जाए। 
हिमाचल की सभी काऊ-सेंचुरी में गोबर से CNG व बिजली के प्लांट स्थापित हों ताकि वे आत्मनिर्भर बने। 
पांवटा साहिब के एक होम्योपैथिक चिकित्सक डाॅ रोहताष नांगिया ने घातक लम्पी वायरस की होमियोपैथी दवा ईजात की है। कृप्या उसका जल्द ट्रायल कर सभी को उपलब्द्ध कराई जाए ताकि गोमाता की जान बच सके।
तथा गोसंरक्षण की आवाज़ उठाने वालों को प्रताड़ित करना बंद किया जाए  पांवटा साहिब में गोसेवकों के खिलाफ दर्ज झूठे मामले ख़ारिज किए जाएं। इस दौरान गोसेवक सचिन ओबराय, नगर गोरक्षा प्रमुख अजय संसरवाल व गोसेवक अधिवक्ता शशिपाल चौधरी मौजूद रहे।