Kafota: गुड न्यूज़- अब देश देखेगा गिरिपार की रितु के दांव-पेंच ddnewsportal.com

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Kafota: अब देश देखेगा गिरिपार की रितु के दांव-पेंच

दुगाना की बेटी का 30 किलोग्राम भार वर्ग कुश्ती में राष्ट्रीय स्तर के लिए चयन, कफोटा स्कूल में आठवीं कक्षा की है छात्रा

यह एक बार नही बल्कि बार बार साबित हुआ है कि जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र की बेटियों में काबिलियत कूट-कूट कर भरी हुई है। दुर्गम क्षेत्र में ऐसे हीरे हैं जिन्हे सिर्फ तराशने की जरूरत है, फिर वो दुनिया मे चमक बिखेरने को तैयार रहते हैं। खेल-कूद हो या शिक्षा का क्षेत्र, गिरिपार की छोरियों ने हर फील्ड में अपनी सफलता के झंडे गाड़े हैं। रितु नेगी, पुष्पा राणा, प्रियंका आदि ऐसे नाम है जिनकी बदौलत देश कई खिताब और मेडल जीत चुका है। 


अब एक और लड़की नेशनल में अपना जलवा दिखाने को तैयार है। गिरिपार क्षेत्र के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कफोटा की छात्राओं ने अंडर-14 कुश्ती में स्टेट में अपना दम दिखाया है। इस चैम्पियनशिप में कफोटा स्कूल में 8वीं कक्षा में पढ़ने वाली दुगाना पंचायत के खजूरी उपगांव की रितु तोमर ने 30 किलोग्राम भार वर्ग मे पहला स्थान प्राप्त कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। इसके साथ ही 46 किलोग्राम भार वर्ग मे स्क्ल की ही छात्रा शमाह निवासी श्रुति शर्मा ने दूसरा स्थान हासिल कर स्लिवर मेडल प्राप्त किया। स्कूल के शारिरिक शिक्षक ओम प्रकाश शर्मा ने बताया कि छात्रा खिलाड़ियों की इस उपलब्धि से कफोटा विद्यालय में खुखी की लहर है। रितू तोमर का चयन नेशनल के लिए हुआ जो कि मध्य प्रदेश में होनी तय हुई है। उधर, स्क्ल के प्रधानाचार्य गुलाब सिंह तोमर और एसएमसी अध्यक्ष धर्म सिंह ठुंडू ने बेटियों को और कोच को बधाई देते हुए उम्मीद जताई है कि रितु का नेशनल में भी बेहतरीन प्रदर्शन रहेगा। 

गोर हो कि अडंर-14 वर्ग की प्रतियोगिता में कफोटा स्कूल ने जोन स्तर पर 9 मे से आठ ट्रॉफी अपने नाम की थी। इसके साथ ही अडर-19 वर्ग जोन स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में कफोटा ऑल राउंड बेस्ट रहा और अंडर-14 लड़कियों के वर्ग में भी स्कूल ने ऑल राउंड बेस्ट की ट्राफी अपने नाम की। इस स्कूल में बच्चे खेलकूद में स्कूल और क्षेत्र का नाम रोशन कर रहे हैं, लेकिन खेद इस बात का है कि शिलाई विधानसभा क्षेत्र के दूसरे केंद्र में स्थित इस स्कूल में सरकार और सरकार के नुमाइंदे लंबे समय से रिक्त पड़े शिक्षकों के कई पद भरने की ज़हमत नही उठा रहे, जिससे बच्चों का भविष्य अंधकार में पड़ रहा है।