पुण्यतिथि विशेष- विपरीत परिस्थितियों मे संघर्ष का नाम जगत सिंह नेगी ddnewsportal.com

पुण्यतिथि विशेष- विपरीत परिस्थितियों मे संघर्ष का नाम जगत सिंह नेगी ddnewsportal.com

पुण्यतिथि विशेष

विपरीत परिस्थितियों मे संघर्ष का नाम जगत सिंह नेगी

शिलाई के पूर्व विधायक ने आज ही के दिन दो वर्ष पूर्व छोड़ा था संसार, गरीबों के हक के लिए खड़े रहते थे रात-दिन

अमरजेंसी मे जेल मे काटा था एक माह, अंतिम समय तक करते थे क्षेत्र की चिंता

परिस्थितियाँ चाहे जितनी विपरीत हो एक योद्धा कभी भी संघर्ष से पीछे नही हटता। और यही लगातार संघर्ष है जो इंसान को इतिहास बनाने से नही रोक सकता। ऐसे ही योद्धा शिलाई विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक स्वर्गीय जगत सिंह नेगी भी थे जिन्होंने लंबे संघर्ष मे भी हार नही मानी और कांग्रेस के एकछत्र राज वाले गढ़ मे वर्ष 1990 मे फतेह हासिल कर इतिहास बनाया। आज उनकी पून्य तिथि है तो उनके संघर्ष और सफलता को लोगों के बीच लाना तो बनता ही है। 
देश मे 25 जून 1975 को अमरजेंसी लगी। उसका प्रभाव देश के कौने कौने पर पड़ा। लोकतंत्र की पैरवी करने वाले कुछ शख्स उस समय जिला सिरमौर मे भी जैल मे डाले गए। उनमे से शिलाई विस क्षेत्र के पूर्व विधायक रहे स्वर्गीय जगत सिंह नेगी भी शामिल थे। जगत सिंह नेगी ने अमरजेंसी के उस दौर मे नाहन जैल मे 24 अन्य नेताओं के साथ एक माह व्यतीत किया। अमरजेंसी के 40 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष पर वर्ष 2015 मे पूर्व विधायक से जब बात की गई, तो उस दौरान उन्होने बताया था कि उस दौर को भुलाया नही जा सकता। वह नाहन मे अपने घर मे थे जब पुलिस अचानक आई और उन्हे जेल मे डाल दिया। नाहन जैल मे उस समय कुल 24 लोगों को डाला गया था जिसमे से 8 लोग जिला सिरमौर से तथा जगत सिंह नेगी अकैले शिलाई क्षेत्र से शामिल थे। हालांकि राजनैतिक मजबूरियों के कारण जिला सिरमौर के 8 लोगों को एक माह बाद पैरोल पर छोड़ दिया गया जिसमे श्री नेगी भी शामिल रहे। परन्तु पैरोल के वह 20 माह उस एक माह से भी ज्यादा भारी रहे जो उन्होने जेल मे बिताया था। पैरोल के दौरान वह बिना बताएं कहीं जा नही सकते थे। इतनी ही नही उन पर पुलिस व खुफिया तन्त्र की पूरी पूरी नजर रहती थी। जगत सिंह नेगी नाहन जैल मे पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार, पूर्व विधायक व मंत्री स्वर्गीय श्यामा शर्मा, इश्वर चंद गुप्ता, श्रीराम जख्मी, धर्मसिंह आनन्द, कंवर दुर्गाचंद, राधारमण शास्त्री, दुर्गासिंह राठौर, दौलत राम चौहान व मुनीलाल वर्मा आदि कुल 24 लोगों मे शामिल रहे जिन्हे जेल मे डाला गया था। इससे पहले उन्हे 28 नवम्बर 1973 को भी मीसा यानि मेन्टेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत नाहन जेल मे डाला गया था। हालांकि उस मामले मे वह प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा बाईज्जत बरी हुए। आपातकाल के उस दौर को याद करके वह कहते थे कि वह कामना करते रहते है कि भविष्य मे देश मे इस प्रकार के हालात कभी पैदा न हो। अब पूर्व तेजतर्रार व दबंग विधायक हमारे बीच नही रहे। 17 दिसम्बर 2018 को उन्होने दिल्ली स्थित सर गंगाराम अस्पताल मे अंतिम सांस ली। पूर्व विधायक

एक तेजतर्रार वकील भी थे और अक्सर गरीबों के हक के लिए लड़ते थे। वह वर्ष 1990 मे शिलाई क्षेत्र के विधायक बने। कांग्रेस के एकछत्र राज के दौरान भी वह लगातार चुनाव लड़ते रहे और कठिन परिस्थितियों में भी क्षेत्र मे विपक्ष को जिंदा रखा। अंत समय तक वह क्षेत्र की चिंता करते रहते थे। क्षेत्र के लोग ऐसे मददगार इंसान को अपनी यादों मे हमेशा याद रखेंगे। Desh Dinesh News Portal उनकी पुण्यतिथि पर उन्हे भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है।