Karvachauthh Special: पढ़ें, शाम की पूजा कब और किस समय निकलेगा चांद... ddnewsportal.com
Karvachauthh Special: करवा चौथ- पति की लंबी उम्र की कामना का व्रत
उपासना कब से कब तक, शाम की पूजा कब और कब निकलेगा चांद, जानने के लिए पढ़ें ये पूरी रिपोर्ट...
करवा-चौथ का व्रत सुहागिन स्त्रियों के लिए सबसे खास होता है। इस दिन का सुहागिन पूरा वर्ष इंतजार करती है। ऐसी मान्यता है कि जो सुहागिन स्त्री करवाचौथ का निर्जला व्रत करती है और व्रत पूर्ण होने पर चौथ के चंद्रमा को अर्घ्य देती है उनके पति की आयु लंबी होती है। इस वर्ष करवाचौथ बुधवार 01 नवंबर को मनाया जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन सुहागिन स्त्रियाँ अपने पति के मंगल
की कामना से करवाचौथ का व्रत रखती है। मान्यता है कि इस दिन जो सुहागिन स्त्री व्रत करती हैं और सच्चे मन से माता पार्वती से अपने पति के मंगल की कामना करती है, उन्हे माता पार्वती से सदा सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद मिलता है। जिला सिरमौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी पं कमलकांत सेमवाल ने बताया कि हिन्दू धर्म के पर्वों मे से एक अहम् पर्व करवाचौथ का पर्व बुधवार 01 नवंबर को मनाया जा रहा है। चतुर्थी तिथि 31 अक्तूबर मंगलवार रात 09 बजकर 31 मिनट से शुरू हो गई है जो बुधवार 01 नवंबर को रात 09 बजकर 20 मिनट तक रहेगी। इस पर्व पर सांयकाल की करवा माता की पूजा का समय 04:10 बजे से सूर्यास्त से पहले तक है। इसी तरह चंद्रमा दर्शन अमृतसर में रात 08:15 बजे, ऊना में 08:11 बजे, देहरादून में 08:07 बजे, यमुनानगर में 08:11, मेरठ में 08:12 बजे तथा पाँवटा साहिब में रात 08 बजकर 40 मिनट पर होंगे। ज्योतिषी पं सेमवाल ने बताया कि करवाचौथ का व्रत 16 श्रृंगार के बिना अधूरा है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक सुहागिन को इस दिन 16 श्रृंगार यानि बिंदी, सिंदूर, काजल, मेहंदी, लाल जोड़ा, गजरा, मांग टीका, नथ, कान की बालियां, हार या मंगल सूत्र, आलता (लाल रंग जैसा), चूड़ियां, अंगूठी, कमरबंद, बिछिया और पायल का श्रृंगार करना चाहिए। उन्होंने बताया कि चंद्रमा को सामान्यतः आयु, सुख और शांति का कारक माना जाता है। इसलिए करवाचौथ पर चंद्रमा की पूजा की जाती है। और महिलाएं वैवाहिक जीवन मे सुख शांति एवं पति की लंबी आयु की कामना करती है।
वहीं, मंगलवार को करवाचौथ की पूर्व संध्या पर खरीददारी के लिए बाजार में भारी भीड़ रही। महिलाएं साज श्रृंगार का सामान खरीदते और मेहंदी लगाते देखी गई। भारी रश से व्यापारी भी खुश दिखे।