क्या पांवटा को उड़ता पंजाब बनाने पर तुले है नशा माफिया ddnewsportal.com

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साईड स्टोरी

क्या पांवटा को उड़ता पंजाब बनाने पर तुले है नशा माफिया 

चूरा पोस्त की बड़ी खेप ने दिए संकेत, स्मैक, चरस, कैप्सूल और अवैध शराब के भी अक्सर सामने आ रहे मामले, पुलिस की कार्रवाई सराहनीय

पांवटा साहिब को क्या नशा माफिया 'उड़ता पंजाब' बनाने पर तुले हुए हैं। यह सवाल उठने लगा है। उठे भी क्यों न। एक साथ साढ़े तीन सौ किलोग्राम चूरापोस्त बरामदगी ने संकेत दे दिये हैं कि पांवटा साहिब नशा माफिया की नजरों मे हैं। पांवटा साहिब मे अक्सर नशे के मामले तो सामने आते ही हैं साथ ही साथ नशे के आदी युवा भी असामयिक मौत को गले भी लगा रहे हैं।

जो चिंता व चिंतन का बड़ा विषय है। यहां पर जंगलों मे अवैध शराब का कारोबार नही थम रहा। पुलिस और वन विभाग अक्सर कारवाई कर हजारों लीटर कच्ची लाहण को तबाह करते हैं तो एक बार ऐसा लगता है कि अब यह धंधा बंद हो जाएगा। लेकिन फिर कुछ दिन बाद जंगलों मे भट्ठियाँ सक्रिय होती हैं और उसमे शराब बनाई जाती है। ऐसा लगता है कि इन माफिया को किसी का डर नही। चार दिन पूर्व भी वन विभाग ने टोका के जंगल मे छापामारी कर सैंकड़ों लीटर कच्ची लाहण को तबाह किया। स्मैक, चरस और नशे के कैप्सूल मिलने के मामले तो जैसे आम हो गये हैं। अब तो यहां के युवा पड़ोसी राज्य मे भी नशे के साथ दबोचे जा रहे हैं। दो दिन पूर्व विकासनगर मे ऐसा ही एक मामला सामने आया जिसमे पांवटा साहिब के दो युवाओं से 4 ग्राम से अधिक स्मैक पकड़ी गई। जानकार बताते हैं कि नशा माफिया का टारगेट अक्सर सीमांत एरिया रहता है। पांवटा साहिब भी तीन राज्यों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सीमा से सटा है। ऐसे मे माफिया के

लिए यह मुख्य टारगेट बना हुआ है। यही नही पांवटा साहिब एक औद्योगिक क्षेत्र भी हैं जहां माफिया नशे की जड़े मजबूत करने मे जुटा रहता है ताकि खपत अधिक हो सके और मुनाफा भी। इन्हे इस बात से कोई लेना देना नही कि लोगों और युवाओं की नसों मे यह जहर घोलकर उनकी जिंदगियां तबाह कर रहे हैं। ये तो सिक्कों की खनक के आगे जैसे अंधे और बहरे हो चले हैं। नशे की रोकथाम के लिए पुलिस अपना काम कर रही है। अक्सर तस्कर पुलिस की गिरफ्त मे आ रहे हैं लेकिन बड़े माफिया बच निकलते हैं और वह दूसरे लोगों को पैसों का लालच देकर इस काम मे लगा देते हैं। लेकिन इसके साथ साथ आम लोगों का भी यह कर्तव्य बनता है कि पुलिस को ऐसे मामलों मे सहयोग करें। नशा बेचने वालों की जानकारी पुलिस से सांझा करने का साहस दिखाएं वरना यह नशा यह नही देखता कि किसका घर छोटा है और कौन बड़ा। गत दिवस पुलिस ने 350 किलोग्राम चूरापोस्त बरामद किया है जो बड़ी कामयाबी है और इसकी सराहना भी की जानी चाहिए। वरना यह जहर न जाने कितनी नसों मे घुलता। लेकिन यदि मुख्य आरोपी न पकड़े गये तो उनका हौंसला बढ़ेगा और वह फिर से नशे की सप्लाई मे जुट जायेंगे। इसलिए गुरु की नगरी और अपने प्रदेश को हम सभी ने मिलकर 'उड़ता पंजाब' बनने से बचाना है। पुलिस की नशा खात्मे की मुहिम को जन सहभागिता की मुहिम बनाना है।