मरने के बाद आई परिजनों को मुख्तयार सिंह की याद ddnewsportal.com
मरने के बाद आई परिजनों को मुख्तयार सिंह की याद
बेटा पंहुचा मुखाग्नि देने पाँवटा साहिब, समाजसेवी पवन बोहरा ने किया अंतिम संस्कार का प्रबंध।
पाँवटा साहिब के सिविल अस्पताल में अपनों के इंतजार में दम तोड़ने वाले बुजुर्ग मुख्तयार सिंह की अंतिम यात्रा पर आखिरकार उनके परिजन पंहुच ही गये। सहायता संकल्प सोसायटी सिरमौर की टीम द्वारा मुख्त्यार सिंह के परिजनों के साथ मिलकर मृतक बुजुर्ग मुख्तयार सिंह का अंतिम संस्कार किया गया। जिसमें मुख्तियार सिंह के बेटे अवतार सिंह व कुछ परिजनों के साथ पांवटा साहिब पहुंच गए थे। मुख्तयार सिंह के बेटे ने उन्हे मुखाग्नि दी। सहायता संकल्प सोसायटी के संचालक पवन बोहरा और उनकीटीम ने भगवान से प्रार्थना करते हुए मुख्तयार सिंह को अपने चरणों में स्थान देने की और उनकी दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने की प्रार्थना की।
गोर हो कि सहायता संकल्प सोसायटी द्वारा पाँवटा साहिब के सिविल अस्पताल में भर्ती करवाये गये बेसहारा मुख्तयार सिंह ने सोमवार सुबह दुनिया छोड़ दी। सोसाइटी ने मुख्तयार सिंह के निधन की खबर परिजनों को दी। जिसके बाद मुख्तयार सिंह का बेटा और कुछ परिजन पाँवटा साहिब पंहुचे।
गोर हो कि सहायता संकल्प सोसाइटी सिरमौर ने सड़क पर बेसहारा घूम रहे मुख्तयार सिंह नामक बुजुर्ग को गवर्नमेंट हॉस्पिटल पाँवटा साहिब में 27 जुलाई को एडमिट कराया था। फेसबुक के माध्यम से इनके बेटे का पता भी लग गया था, जो वार्ड नंबर- 8, गांव बंबन माजरा तहसील नारायणगढ़ जिला अंबाला हरियाणा का रहने वाला है। संस्था के संचालक पवन बोहरा द्वारा और पाँवटा साहिब पुलिस द्वारा इनके बेटे को फोन किया गया लेकिन उन्होंने आने को मना कर दिया और कहा कि उनके पास टाइम नहीं है। आपने जो मर्जी करना हो कर लो। मुख्त्यार सिंह की हालत काफी खराब थी। फिर भी पांवटा साहिब के डॉक्टर्स ने इन्हे बचाने की बहुत कोशिश की। लेकिन सोमवार सुबह मुख्तयार सिंह ने दम तौड़ दिया। पवन बोहरा ने बताया कि इस बुजुर्ग की सूचना एडवोकेट मीनू द्वारा संस्था को दी गई थी। संस्था द्वारा कहने पर एडवोकेट मीनू ने इन्हें ई-रिक्शा में बिठाकर गोयल धर्मशाला पावटा में रखवाया था। अगले दिन इन्हें जिला अस्पताल 108 एंबुलेंस द्वारा एडमिट किया गया। पाँवटा साहिब के सिविल अस्पताल में भर्ती करवाये गये बेसहारा मुख्तयार सिंह ने सोमवार को यह दुनिया छोड़ दी। पवन बोहरा ने बताया कि इस बुजुर्ग की सूचना एडवोकेट मीनू द्वारा संस्था को दी गई थी। संस्था द्वारा कहने पर एडवोकेट मीनू ने इन्हें ई-रिक्शा में बिठाकर गोयल धर्मशाला पावटा में रखवाया था। अगले दिन इन्हें जिला अस्पताल 108 एंबुलेंस द्वारा एडमिट किया गया। बहरहाल, जीते जी तो नही लेेकिन मरने के बाद तो परिजन मुख्तयार सिंह के अंतिम दर्शन को पहुच गये। जिससे शायद मुख्तयार सिंह की आत्मा को शांति मिल जाए।