Paonta Sahib: स्वाधीनता दिवस: एसडीएम गुंजीत सिंह चीमा ने ध्वजारोहण कर ली मार्चपास्ट की सलामी ddnewsportal.com
Paonta Sahib: स्वाधीनता दिवस: एसडीएम गुंजीत सिंह चीमा ने ध्वजारोहण कर ली मार्चपास्ट की सलामी, हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम
स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर पाँवटा साहिब के रामलीला मैदान में उपमंडल स्तरीय समारोह आयोजित किया गया, जिसमें बतौर मुख्यातिथि उपमंडल अधिकारी पाँवटा साहिब गुंजीत सिंह चीमा ने ध्वजा-रोहण कर आकर्षक मार्चपास्ट की सलामी ली।
इससे पहले उन्होने शहीद स्मारक पर श्रद्धा सुमन अर्पित करके शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
परेड में पांवटा साहिब के गुरुनानक मिशन स्कूल, जिंदल पब्लिक स्कूल, बीकेडी स्कूल, डिग्री कॉलेज, राoकoवoमाoपाo पाँवटा
साहिब, शंकराचार्य स्कूल, नेशनल पब्लिक स्कूल, दून वैली स्कूल, विद्यापीठ स्कूल, रोज़ आर्किड वर्ल्ड स्कूल, सरस्वती विद्या मंदिर, राoवoमाoपाo तारूवाला, ग्लोबल अकेडमी, न्यू क्रिसेंट, राoप्रा0पाo पांवटा साहिब, डिवाइन विज्डम पब्लिक, बीबीजीत कौर स्कूल आदि के विद्यार्थियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर गुंजीत चीमा ने संबोधित करते हुए सभी लोगो को 78वें स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर शुभकामनाएँ दी। उन्होंने कहा कि आज का दिन हमें याद दिलाता है उन स्वतंत्रता
सेनानियों की जिन्होंने देश को आजाद करवाने में अपने प्राणों की कुर्बानी दी है। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने गुलामी की पीड़ा को सहा है हमारी नई पीढ़ी भाग्यशाली हैं कि हमने स्वतंत्र भारत में जन्म लिया। उन्होंने कहा कि सालों पहले हमारे देश के किसान,
विद्यार्थी, कारीगर, जमींदार, नेता तथा सभी वर्गों ने सुनहरी स्वतंत्रता का सपना पाल रहे थे। उन्होंने सपने को सच करने के लिए अपनी जान की बाजी तक लगाई, तब जाकर हमने स्वतंत्रता का स्वाद चखा है।
उन्होंने कहा कि हमने अपने पूर्वजों के संघर्ष की कहानी किताबों में पढ़ी है या सिनेमा और मीडिया के माध्यम से देखी है। उस संघर्ष को महसूस करते हुए हमें अपनी आजादी को संजोने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के पश्चात हमने विकास के विभिन्न चरणों को पार किया है। हमारे देश के किसान, सैनिक, व्यापारी,
इंजीनियर, वैज्ञानिक, चिकित्सक, शिक्षक, अधिकारी, अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए इस स्वतंत्रता को अधिक सुंदर
बनाने का प्रयास कर रहे। इसी तरह देश के प्रत्येक वर्ग को भारत की उन्नति के लिए प्रयासरत रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हम जिस भी कार्य को कर रहे हैं उस कार्य के प्रति लग्न होनी चाहिए, प्रतिबद्धता होनी चाहिए और समर्पण भाव होना चाहिए, वह भी देश सेवा ही है।
उन्होंने कहा कि हमने लोकतांत्रिक पद्धति से अपनी सरकारें चुनी। इन सरकारों ने देश को विकासशील देशों में अग्रणीय बनाया है। हमारे विकासात्मक दृष्टिकोण के कारण विश्व की बड़ी-बड़ी शक्तियां मानव संसाधन, बौद्धिक क्षमता, हस्तकारी दक्षता एवं यांत्रिकी सामर्थ्य के लिए हमारी ओर देखते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे देश में आज समृद्धि, खुशहाली है किंतु उसके साथ-साथ हमें परस्पर भाईचारा, सौहार्द, सद्भाव, मानवता जैसे गुर्णों को भी अपनाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस प्रतिवर्ष नई ऊर्जा और शक्ति के साथ नया प्रारंभ करने का अवसर है। उन्होंने इस अवसर पर सभी से आवाह्न करते हुए कहा कि आइए हम सब अपने नगर को सुंदर
और स्वच्छ बनाए रखने के लिए शपथ ले साथ ही यातायात के नियमों का पालन करके अपनी और दूसरों की सुरक्षा का भी ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा के दौर में हम सब एक दूसरे की मदद करें, शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने में अपना भरपूर सहयोग दें। सभी अच्छे नागरिक के रूप में अपने दायित्व को निभाएं वही हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा शहीदों के परिजनों को भी सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर विभिन्न स्कूलों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए जिसमें देश भक्ति, लोक नृत्य, पंजाबी भंगड़ा, लोक गायन व नृत्य की प्रस्तुतियां दी गई। मुख्यातिथि द्वारा पांवटा क्षेत्र के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले सामाजिक संगठनों तथा
कर्मचारियों को सम्मानित भी किया गया। उन्होंने मार्चपास्ट तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने वाले छात्र-छात्राओं को भी पुरस्कृत किया।
इस अवसर पर एसडीपीओ आईपीएस अदिति सिंह, तहसीलदार ऋषभ शर्मा, नसीमा बेगम निदेशक खाद्य एवं आपूर्ति निगम, नगर पालिका परिषद की अध्यक्षा निर्मल कौर, उपाध्यक्ष ओम प्रकाश कटारिया सहित नगर पालिका परिषद के पार्षद तथा राजेन्द्र
तिवारी अध्यक्ष हिमोत्कर्ष जिला सिरमौर, प्रधान व्यापार मण्डल अनिंदर सिह नोटी, राजेन्द्र शर्मा, असगर अली, रविन्द्र पाल, अनिता शर्मा, बारूराम शर्मा एवम् विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा कर्मचारी व स्वयंसेवी संस्थाओं के पदाधिकारी व अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।