शख्सियत: हजारों विद्यार्थियों को दी समाज निर्माण की दिशा ddnewsportal.com

शख्सियत: हजारों विद्यार्थियों को दी समाज निर्माण की दिशा ddnewsportal.com

शख्सियत: हजारों विद्यार्थियों को दी समाज निर्माण की दिशा

32 वर्ष की सेवा के बाद शिक्षा विभाग से प्रधानाचार्या पद से सेवानिवृत्त हुई शारदा रानी नांगिया बनी आदर्श, इन स्थानों पर दी सेवाएं...

32 वर्ष की शिक्षा विभाग में सेवाओं के दौरान उन्होंने समाज को ऐसी ऐसी हस्तियाँ दी जो आज अपने अपने क्षेत्र में समाज के विकास में अपना अहम योगदान दे रहे हैं। चाहे वह स्वास्थ्य का क्षेत्र हो या निजी व्यवसाय या सरकार के विभिन्न विभाग, सभी में इनके पढाए बच्चे आज अच्छे पदों पर सेवाएं दे रहे हैं। पहाड़ से लेकर दून तक विभिन्न स्कूलों में तैनात होकर समाज निर्माण की अपनी भूमिका को बखूबी निभाया।

बात पाँवटा साहिब के टोकियो स्कूल से प्रधानाचार्या पद से बीते कल सेवानिवृत्त हुई पाँवटा साहिब की शारदा रानी नांगिया की हो रही है। जिन्होंने हमेशा अपनी नौकरी को इमानदारी और मेहनत से करते हुए बिना किसी समझौते के निर्विवाद रिटायर्मेंट ली। 
वर्ष 1991 में बतौर टीजीटी गिरिपार क्षेत्र के दुर्गम स्कूल पनोग में नौकरी की शुरूवात की। विषय गणित रहा। 14 वर्ष तक बतौर टीजीटी सेवा देने के बाद प्रमोट होकर लेक्चरर बने। बतौर लेक्चरर भी 14 वर्ष विभिन्न स्कूलों में सेवाएं दी। फिर नवादा स्कूल में बतौर हेड मिस्ट्रेस पौने चार साल सेवाएं दी। उसके बाद चार जून 2022 को पाँवटा साहिब के दुर्गम क्षेत्र पल्होड़ी के रावमा

पाठशाला में प्रधानाचार्या के पद पर पदोन्नत भार संभाला। सितंबर 2023 में रावमा पाठशाला टोकियो में स्थानांतरित हुए और मार्च 2023 में यहां से सेवानिवृत्त हुए। उन्होनें अपने 32 वर्ष के कार्यकाल के दौरान पनोग, तारूवाला, भंगानी, गोरखुवाला, अंबोया, माजरा, बेचड़ का बाग पल्होड़ी और टोकियों में सेवाएं दी।
शुक्रवार को उनके सम्मान में उनके परिवार ने एक निजी होटल में पार्टी रखी जिसमे शिक्षा विभाग सहित शहर की गणमान्य हस्तियाँ मौजूद रही। इस दौरान केक भी काटा गया।

बात-चीत के दौरान देश दिनेश मीडिया को शारदा रानी नांगिया ने बताया कि इस 32 वर्ष के अंतराल में हजारों बच्चे ऐसे पढाए जो आज अच्छी पोस्ट पर है, जिसकी उन्हे खुशी है। कुछ स्टुडेंट टीचर भी बने जो उनके सह कर्मी भी रहे। उन्होंने कहा कि हिमाचल शिक्षा विभाग में ज्वाइनिंग से पहले उन्होंने वर्ष 1987 में सेंटर स्कूल राजबन और फिर डीएवी स्कूल पाँवटा साहिब में भी सेवाएं दी। उन्होंने संदेश दिया कि अपना काम इमानदारी से करना चाहिए और अपने काम से प्यार करना चाहिए।
आज शारदा नांगिया के परिवार में पति जहां होम्योपैथिक क्लीनिक संचालन करते हैं वहीं दोनो बेटे चिकित्सक है। एक बेटा डाॅ रोहताश नांगिया होम्योपैथिक चिकित्सक सहित नगर के पार्षद है। दूसरा बेटा डाॅ रजत नांगिया डेंटल डाक्टर है और दोनो बहुएं भी चिकित्सक है।