Shillai News: शिलाई कॉलेज का पहाड़ी लोक साहित्य और संस्कृति को संरक्षित रखने का शानदार प्रयास ddnewsportal.com

Shillai News: शिलाई कॉलेज का पहाड़ी लोक साहित्य और संस्कृति को संरक्षित रखने का शानदार प्रयास  ddnewsportal.com

Shillai News: शिलाई कॉलेज का पहाड़ी लोक साहित्य और संस्कृति को संरक्षित रखने का शानदार प्रयास, हुए ये खास कार्यक्रम...

गिरिपार क्षेत्र के राजकीय महाविद्यालय शिलाई में अंग्रेज़ी विभाग द्वारा ‘पहाड़ी लोक साहित्य और संस्कृति’ पर आधारित कार्यक्रम करवाया गया, जिसकी अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जे. आर. कश्यप ने की। इस कार्यक्रम की थीम “ Patois lingo verse and culture of Pahari ” थी। कार्यक्रम की शुरुआत

महाविद्यालय के प्राचार्य ने द्वीप प्रज्ज्वलन से की। अंग्रेज़ी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. विद्या वर्मा ने उपस्थित प्राचार्य, शिक्षक और गैर-शिक्षक सभी का स्वागत किया। उसके बाद प्रो. रामलाल ठाकुर ने मंच संचालन करते हुए कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। इस कार्यक्रम में क्षेत्रीय लोक साहित्यकार एवम पदमश्री विजेता विद्यानंद सरैक की साहित्यक उपलब्धि, प्रसिद्ध क्षेत्रीय योद्धा गोलदार नोती राम नेगी की वीरता और साहस तथा पहाड़ी लोक साहित्य एवम संस्कृति की समृद्धि को लेकर विभिन्न प्रस्तुतियां दी गई। पलक पांटा (B.A. द्वितीय वर्ष) ने पदम श्री विजेता सरैक के जीवन–दर्शन और लोक साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदान, पारुल

नेगी (BA तृतीय वर्ष ) ने सिरमौर रियासत के प्रसिद्ध योद्धा गोलदर नाती राम नेगी के जीवन वृत्त और उनकी साहसिक प्रवृति पर प्रकाश डाला। पहाड़ी लोक साहित्य में सर्वप्रथम सुशीला ( BA द्वितीय वर्ष) की छात्रा ने स्वरचित पहाड़ी कविता " आमारे रीति रिवाज ” , अनीशा (BA तृतीय वर्ष) ने चर्चित पहाड़ी लोक साहित्यकार प्रताप प्रशार की कविता  “खेऊडअ ठुकू ऐश पढ़ाए”, रिया ( BA तृतीय वर्ष) ने " चीते आओ तबे बाबा री बातों ” , रंजना (BA प्रथम वर्ष) ने “ बाड़े रा बाकरा बोल्दा लागा " , शिवानी (BA तृतीय वर्ष) ने "दूई देसो री एजी दुकान " , और संगम ( BA द्वितीय वर्ष) ने " मेरे गांव री बात ",  कविता के माध्यम से पहाड़ी लोक साहित्य एवम संस्कृति को प्रस्तुत किया। तत्पश्चात BA प्रथम वर्ष के छात्र छात्राओं द्वारा एक लघु नाटिका प्रस्तुति की गई ,जिसके माध्यम से शिक्षा, नशा और लोक संस्कृति के प्रति जागरूक किया गया । इसके बाद महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जे. आर. कश्यप ने कार्यक्रम में उपस्थित छात्र– छात्राओं को पहाड़ी लोक साहित्य और संस्कृति को संरक्षित रखने ,  इसे बढ़ावा देने और इससे जुड़े रहने का संदेश दिया। इस दौरान उन्होंने छात्र–छात्राओं का मनोबल बढ़ाया और सभी प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया। अंत में BA तृतीय वर्ष के छात्राओं द्वारा पहाड़ी नाटी प्रस्तुत की गई। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी शिक्षक और गैर शिक्षक सहित लगभग 200 विद्यार्थी उपस्थित रहे।