शिलाई: बाढ़ का कहर- 11 दिन से रिश्तेदार के यहां रहने को मजबूर 15 परिवार ddnewsportal.com

शिलाई: बाढ़ का कहर- 11 दिन से रिश्तेदार के यहां रहने को मजबूर 15 परिवार ddnewsportal.com

शिलाई: बाढ़ का कहर- 11 दिन से रिश्तेदार के यहां रहने को मजबूर 15 परिवार 

अंबोण-जांदनियां गांव में घरों में घुस गया मलबा और खेती को भारी नुकसान, कोई नही ले रहा सुध

यहाँ हर साल पड़ती है कुदरत की बड़ी मार, 45 वर्ष बाद भी नहीं मिला ग्रामीणों को समाधान 

मौत के साये में काटते है बरसात की रातें, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान के दौरे से उम्मीद

शिलाई विधानसभा क्षेत्र के एक छोर पर बसे दो उपगांव जिन्हे हर बार बरसात का मौसम आने से पहले बेघर होने का भय सताता है। कई दिनों तक गांव छोड़ना पड़ता है लेकिन पिछले 45 वर्ष से उनकी समस्या का कोई स्थाई समाधान कोई भी सरकार नही कर पाई है। बात सतौन-श्री रेणुकाजी सड़क मार्ग पर स्थित अंबोण और जांदनियां की हो रही है, जहां हर बरसात भारी तबाही होती है और लोग अपनी जान बचाने को अपने रिश्तेदारों के यहां चले जाते है। गत वर्ष भी जो नजारा था इस साल भी वैसा ही देखने को मिला है। 


जानकारी के मुताबिक गिरिपार क्षेत्र के चांदनी पंचायत के अम्बोन व जांदनियां गांव में बरसात ने कहर बरपाया हुआ है। कई परिवारों को बाढ़ ने बेघर कर दिया है तो कई लोगों के खेतों में मलबा आने से फसल बर्बाद हो गई है। लेकिन 11 दिन बीत जाने के बावजूद भी किसी ने भी बाढ़ प्रभावित परिवारों की कोई सुध नहीं ली है। जिस कारण ग्रामीणों में सरकार व प्रशासन के प्रति खासा रोष है।
बात गत 08 जुलाई की रात की है जब पूरे प्रदेश में मूसलाधार बारिश ने कहर बरपाया। इसी रात हुई मूसलाधार बारिश से शिलाई विधानसभा क्षेत्र के चांदनी पंचायत के अम्बोन व

जांदनिया गांव में अम्बोन खड्ड ने कहर बरपाया है। लगातार हो रही बारिश के कारण अम्बोन खड्ड का मलबा व पानी लोगों के घरों में घुसा, जिस कारण कई परिवार बेघर हो गए है। मूसलाधार बारिश होने से अम्बोन व जांदनिया गांव की तरफ खड्ड का रूख मुड़ने से सूरत सिंह, जगत सिंह, धर्मवीर शर्मा, अनिल कुमार, सिंघा राम, रामसा राम, राहुल ठाकुर, जयप्रकाश, सुरेश कुमार, बलवीर सिंह, कुलदीप सिंह, रतन शर्मा, बाबूराम, जीत सिंह व उदय राम आदि के घरों व खेतों में मलबा घुस गया। जिससे लोगों को बड़ी परेशानियों का सामना उठाना पड़ रहा है। बाढ़ प्रभावित परिवारों का कहना है कि मूसलाधार बारिश के कारण अम्बोन खड्ड का पानी व मलबा दोनों गांव में घुसा है। जिस कारण लोगों को बहुत नुक्सान हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ से हुए नुक्सान को 11 दिन बीत गए लेकिन पटवारी के अलावा कोई भी अधिकारी व नेता ग्रामीणों की सुध लेने नहीं आया है ना ही कोई मदद मिली है न ही बेघर हुए लोगों को ठहरने की प्रशासन ने कोई व्यवस्था नहीं की है।


मूसलाधार बारिश होने से दोनों गांव में बाढ़ ने कहर बरपाया है। जिससे 15 परिवारों के घरों में मलबा घुस गया। जिस कारण अम्बोन गांव के जयप्रकाश, सुरेश कुमार, रामसाराम, जीत सिंह, कुलदीप सिंह आदि परिवार बच्चे समेत घर छोड़कर अपने रिश्तेदारों के यहां शरण लेनी पड़ी। 11 दिनों से अपने रिश्तेदारों के यहां रह रहे है लेकिन अभी तक सरकार व प्रशासन ने इन परिवारों की कोई खैर-खबर नहीं ली है।


ग्रामीणों का कहना है कि चांदनी पंचायत के अम्बोन व जांदनिया गांव के उपर पहले खेर का घना जंगल हुआ करता था। लेकिन 1978 में एक साथ सैकड़ों खेर के पेड़ों की कटान हुई थी। जिसके बाद से लगातार अम्बोन खड्ड के उपर से भूस्खलन होता है तथा खड्ड का सारा मलबा लोगों के घरों व खेतों में घुसता है। अम्बोन खड्ड में भूस्खलन होने से भजौन पंचायत के बाग आबड़ा गांव को भी खतरा पैदा हो गया है। बाग आबड़ा गांव में भी कई परिवारों के खेत व घर ढ़ह चुके है। जिसका पूरा मलबा पानी के साथ अम्बोन व जांदनिया गांव में घुसता है। लोगों का कहना है की 45 सालों से यहां के ग्रामीण बाढ़ की आपदा से जूझ रहे है लेकिन आज तक सरकार व प्रशासन ने इसको रोकने का कोई समाधान नहीं निकाला है। आजकल राज्य के उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान क्षेत्र के दौरे पर है, उम्मीद है कि वह अपने क्षेत्र की जनता की सुध अवश्य लेंगे।