Sirmour: सिरमौर की दो पंचायत के प्रधान पर गिरी निलंबन की गाज, कठवाड़ और नाया पंजौड़ में ये अनियमितताएं आई सामने... ddnewsportal.com
Sirmour: सिरमौर की दो पंचायत के प्रधान पर गिरी निलंबन की गाज, कठवाड़ और नाया पंजौड़ में ये अनियमितताएं आई सामने...
पंचायतों को किस प्रकार कुछ जन प्रतिनिधियों ने भ्रष्टाचार का अड्डा बना रखा है। कुछेक के कारण अन्य पंचायतें भी शक के दायरे में आ रही है। विकास कार्य को लेकर कैसे गोलमाल किया जा रहा है ये दो पंचायतों में हुए खुलासे से पता चलता है।
सिरमौर जिला की दो पंचायतों के प्रधानों को विकास कार्यों में अनियमितताओं के आरोपों के बाद निलंबित कर दिया गया है। जिला पंचायत अधिकारी की ओर से यह कार्रवाई तत्काल प्रभाव से की गई है। निलंबित किए गए प्रधानों में विकास खंड तिलोरधार की ग्राम पंचायत कठवाड़ के प्रधान महेंद्र सिंह और विकास खंड शिलाई की ग्राम पंचायत नाया पंजौड़ के प्रधान लायक राम शामिल हैं।
कठवाड़ पंचायत के कुछ ग्रामीणों ने लिखित शिकायत में पंचायत के विभिन्न विकास कार्यों में अनियमितताएं और धन के दुरुपयोग के कथित आरोप लगाए गए थे। मामले की जांच को लेकर गठित की गई कमेटी ने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट जिला पंचायत कार्यालय को भेजी। रिपोर्ट में 15वें वित्तयोग मद के तहत निर्मित सिंचाई टैंक, फुट ब्रिज महोली खड्ड, मनरेगा के तहत निर्मित अमृत सरोवर घुंडाना खाला, श्मशानघाट घुंडाना खड्ड, मरम्मत सिंचाई कूहल गडोली खड्ड, ग्राम पंचायत के बिल/बाऊचरों अनुसार सामग्री प्रदाता के तौर पर अनियमित अदायगी, एक महिला को 4125 रुपए की राशि अनियमित दोहरी अदायगी सहित ग्राम पंचायत कठवाड़ द्वारा सामग्री प्रदाता को चिन्हित करने से पूर्व समस्त समुचित औपचारिकताएं पूर्ण न करने बारे 8 आरोपों में अनियमितताएं पाई गई। जांच कमेटी ने विभिन्न विकास कार्यों में लाखों रुपए की राशि वसूलने की भी सिफारिश की है, जो करीब साढ़े 7 लाख रुपए के आसपास बताई जा रही है।
नाया पंजौड़ पंचायत में 19.31 लाख रुपए की धांधली-
नाया पंजौड़ पंचायत के विकास कार्यों में अनियमितताओं को लेकर पंचायतीराज विभाग के अतिरिक्त निदेशक एवं संयुक्त सचिव ने गत 5 वर्षों का विशेष विभागीय अंकेक्षण एक महीने के भीतर करने और अंकेक्षण रिपोर्ट भेजने के निर्देश जिला पंचायत अधिकारी सिरमौर के कार्यालय को दिए। इन निर्देशों पर एक अंकेक्षण कमेटी गठित की गई। जांच कर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट जिला पंचायत कार्यालय को भेजी, जिसमें विकास कार्यों में अनियमितताओं पाई गई। इसमें मनरेगा मद में किए गए विकास कार्यों में 19,31,908 रुपए राशि के दुरुपयोग को लेकर अनियमितताएं सामने आई। साथ ही पंचायत प्रधान से 6,43,969 रुपए की राशि वसूली योग्य पाई गई।
दोनों प्रधानों को अपना पक्ष रखने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे। संतोषजनक जबाव ने देने पर जिला पंचायत अधिकारी ने हिमाचल प्रदेश पंचायतीराज अधिनियम के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए दोनों पंचायत प्रधानों को तत्काल प्रभावित से निलंबित कर दिया तथा उन्हें ग्राम पंचायत की चल/अचल संपत्ति ग्राम पंचायत सचिव को सौंपने के आदेश दिए हैं। जिला पंचायत अधिकारी अभिषेक मित्तल ने बताया कि दोनों पंचायत प्रधान नियमित जांच को प्रभावित व पंचायत रिकाॅर्ड से छेड़छाड़ आदि न कर सकें, इसलिए उन्हें सस्पैंड किया गया है।