WhatsApp पर भेजे ये सरकारी दस्तावेज तो खैर नही ddnewsportal.com

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फोटो: साभार गूगल।

WhatsApp पर भेजे ये सरकारी दस्तावेज तो खैर नही

केंद्र सरकार के नए दिशानिर्देश, स्टेट सीआईडी साइबर क्राइम युनिट शिमला ने भी जारी की एडवाइजरी।

गोपनीय सूचनाओं के लीक होने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। अब कोई भी गोपनीय सरकारी दस्तावेज WhatsApp या Telegram जैसे इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर सांझा नहीं किए जा सकेंगे। यही नहीं गोपनीय मुद्दों से जुड़ी अहम बैठकों में स्मार्टफोन या स्मार्टवाच के उपयोग पर भी रोक लगा दी गई है। सरकारी कामकाज की गोपनीयता को

बनाए रखने के लिए सरकार ने नए संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं। ये दिशानिर्देश खुफिया एजेंसियों ने मौजूदा व्यवस्था की खामियों की समीक्षा के बाद तैयार किए हैं।
ये दिशानिर्देश ऐसे समय में जारी किए गए हैं जबकि गोपनीय सूचनाओं के लीक होने से रोकने के लिए स्थापित राष्ट्रीय संचार दिशानिर्देशों और सरकारी निर्देशों के लगातार उल्लंघन के मामले सामने आ रहे थे। सूत्रों के मुताबिक नए संचार दिशानिर्देशों में सभी सरकारी अधिकारियों से कहा गया है कि वे गोपनीय सूचनाओं को वाट्सएप, टेलीग्राम इत्यादि पर सांझा नहीं करें। इन एप के सर्वर को विदेश में निजी कंपनियों द्वारा नियंत्रित किया जाता है, ऐसे में गोपनीय सूचनाओं का भारत विरोधी तत्वों द्वारा दुरुपयोग किया जा सकता है। संशोधित दिशानिर्देशों में यह भी कहा गया है कि घर से काम करने यानी

वर्क फ्रॉम होम (डब्ल्यूएफएच) के दौरान अधिकारी संवाद के लिए सिर्फ ई-आफिस एप्लीकेशन का ही उपयोग करें। Work From Home (WFH) के दौरान घरेलू सेटअप के जरिये गोपनीय सूचनाएं भी साझा नहीं करें। घर से काम करने के दौरान घरेलू सिस्टम नेशनल इनफार्मेटिक्स सेंटर (NIC) के वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क के जरिये आफिस के नेटवर्क से जुड़े होने चाहिए। मोबाइल पर गोपनीय सूचनाएं स्टोर नहीं करें। इन घटनाक्रम से जुड़े एक अधिकारी ने अपना नाम गुप्त रखते हुए कहा कि सरकारी अधिकारियों को अपने मोबाइल फोन में भी वर्गीकृत या गोपनीय सूचनाएं स्टोर करने से मना किया गया है। इन सूचनाओं को मोबाइल एप के जरिये साझा करने से भी मना किया गया है, क्योंकि इन एप के सर्वर निजी कंपनियों के हाथों में होते हैं और इससे देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा हो सकता है।

एलेक्सा, होमपाड के उपयोग पर भी रोक- 

अधिकारियों से गोपनीय या सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर होने वाली बैठकों में स्मार्टफोन या स्मार्टवाच का उपयोग नहीं करने को कहा गया है। इसके अलावा अमेजन के एलेक्सा, एप्पल के होमपाड इत्यादि जैसे उपकरणों का उपयोग करने से भी मना किया गया है।

गूगल मीट और जूम का इस्तेमाल करने की मनाही-

वर्चुअल बैठकों के लिए गूगल मीट या जूम जैसे एप का भी उपयोग करने से मना किया गया है। इनके स्थान पर सी-डैक (डिपार्टमेंट आफ एडवांस कंप्यूटिंग), एनआइसी द्वारा स्थापति वीडियो कांफ्रेंसिंग के उपकरणों का अनिवार्य पासवर्ड के साथ उपयोग करने की सलाह दी गई है। इस बाबत

साइबर सेल शिमला ने भी एडवाइजरी जारी कर दी है। साइबर सेल शिमला के एडिशनल एसपी नरवीर सिंह राठौर ने बताया कि आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ ऑफिशियल सिक्रेट एक्ट 1923 के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।