HP Industry News: बिजली दरों में वृद्धि पर उद्योगपतियों के पास एक ही विकल्प, सरकार न करें मजबूर ddnewsportal.com

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HP Industry News: बिजली दरों में वृद्धि पर उद्योगपतियों के पास एक ही विकल्प, सरकार न करें मजबूर

बिजली की दरों में वृद्धि की सुगबुगाहट के बीच औद्योगिक संगठन ने सरकार को एक तरह से पहले ही चेता दिया है। हिमाचल के सबसे बड़े औद्योगिक संगठन बीबीएन उद्योग संघ ने कहा कि संकट के दौर से गुजर रहे उद्योग अब बिजली दरों में वृद्धि या सबसिडी में कटौती के किसी भी कदम को सहन नही कर पाएंगे। उद्योग संघ ने कहा कि प्रदेश में रुकने के लिए उद्योगों के पास बिजली ही एक मात्र आकर्षण है, लेकिन इसकी दरें भी अगर पड़ोसी राज्यों के मुकाबले ज्यादा हो जाएगी, तो उद्योगों के पास पलायन के अलावा कोई चारा बाकी नहीं रह जाएगा। 
बीबीएन उद्योग संघ के पदाधिकारियों ने बद्दी में आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि उद्योग हित में बिजली की दरों में किसी भी तरह की वृद्धि न करें। बीबीएन उद्योग संघ के मुख्य संरक्षक राजेंद्र गुलेरिया, वरिष्ठ उपप्रधान अनुराग पुरी, सलाहकार शैलेष अग्रवाल, महामंत्री वाईएस गुलेरिया, दिनेश जैन, मुकेश जैन, सह-सचिव अशोक कुमार राणा, रामगोपाल अग्रवाल व प्रदीप शर्मा ने कहा कि हिमाचल में स्थापित उद्योग बुरे दौरे से गुजर रहे है और पलायन की दहलीज पर खड़े है। ऐसे

हालातों में प्रदेश सरकार को उद्योग जगत के सहयोग के लिए आगे आना चाहिए न की किसी तरह का बोझ उद्योगों पर डालना चाहिए। उद्योग संघ ने कहा कि जब से प्रदेश में नई सरकार बनी है, तब से लगभग दो रुपए प्रति यूनिट बिजली की वृद्धि को चुकी है। प्रदेश सरकार ने पहली अप्रैल, 2024 को बिजली बोर्ड के कहने पर कारखानों की बिजली पर जो एक रुपए प्रति यूनिट वृद्धि की थी उसको उस समय लागू नहीं किया गया और उद्यमियों के आवाज बुलंद करने के बाद बाकायदा राज्य सरकार ने सबसिडी देने की घोषणा की थी, ताकि निवेश प्रभावित न हो।

बीबीएन उद्योग संघ के मुख्य संरक्षक राजेंद्र गुलेरिया ने कहा कि बीते वर्षों में उद्योगों की बिजली दरों में निरंतर वृद्धि हो रही है, जिससे प्रदेश में विद्युत यूनिट की दर पड़ोसी राज्यों के मुकाबले काफी अधिक हो गई है। सरकार व विद्युत बोर्ड ने पहली अप्रैल से दरों में एक रुपए की बढ़ोतरी की थी, लेकिन बाद में इस वृद्धि को लागू न कर सबसिडी दे दी थी, लेकिन हाल ही में राज्य सरकार ने होटलों और अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के लिए सबसिडी वापस लेने का फैसला किया है जबकि उद्योगों के लिए सबसिडी के बारे में अंतिम निर्णय दो सितंबर को मुख्यमंत्री और उद्योग मंत्री की प्रस्तावित बैठक में लिए जाने की चर्चा है।