Haati ST News: हाटी एसटी कानून को लेकर क्यों उड़ी अफवाह! हाटी विकास मंच ने संशय पर कहा कुछ ऐसा... ddnewsportal.com

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Haati ST News: हाटी एसटी कानून को लेकर क्यों उड़ी अफवाह! हाटी विकास मंच ने संशय पर कहा कुछ ऐसा...

सोशल प्लेटफॉर्म पर एक मैसेज वायरल हो रहा है जिसमें हाटी एसटी कानून को निरस्त करने के दावे किए जा रहे है। लोगों में इस बारे किसी प्रकार का भ्रम न रहे इसके लिए हाटी विकास मंच ने एक प्रेस नोट जारी कर स्थिति को स्पष्ट किया है। जारी बयान में हाटी विकास मंच के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप सिंगटा ने कहा है कि हमारे ट्रांस-गिरि क्षेत्र की हाटी समुदाय से जुड़े कई सम्मानित लोगों द्वारा हाल ही में फोन कॉल एवं संदेश प्राप्त हो रहे हैं, जिनमें हाटी समुदाय से संबंधित एक पुराने कानून के निरसन (Repeal) को लेकर भ्रम एवं चिंता व्यक्त की जा रही है। इस संदर्भ में सभी को यह स्पष्ट रूप से अवगत कराना आवश्यक है कि इस निरसन का हमारी अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribe – ST) की संवैधानिक स्थिति पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ता है।

हाटी समुदाय पहले से ही भारत के राष्ट्रपति द्वारा जारी संविधान (अनुसूचित जनजातियाँ) आदेश, 1950 में विधिवत रूप से सम्मिलित है। यह आदेश पूर्णतः प्रभावी है और इसके अंतर्गत हमें प्राप्त सभी संवैधानिक अधिकार, आरक्षण की सुविधाएँ तथा अनुसूचित जनजाति प्रमाण-पत्र पूरी तरह सुरक्षित हैं। जिस कानून का निरसन किया गया है, वह केवल पुराने, अप्रासंगिक अथवा दोहराव वाले कानूनों को हटाने की प्रक्रिया का हिस्सा है, जिनकी अब कोई आवश्यकता नहीं रह गई थी। इसका उद्देश्य प्रशासनिक एवं विधिक ढांचे को सरल बनाना है, न कि किसी समुदाय के अधिकारों को समाप्त करना। उदाहरण स्वरूप, संविधान (अनुसूचित जनजातियाँ) आदेश (संशोधन) अधिनियम, 2011 को भी हाल ही में एक Spent Law (जिसका उद्देश्य पूर्ण हो चुका था) मानते हुए निरस्त किया गया है।

इसके बावजूद, संबंधित राज्यों की जनजातियाँ आज भी संविधान के 1950 के मूल आदेश के अंतर्गत अपने सभी अनुसूचित जनजाति अधिकारों और लाभों का निरंतर उपयोग कर रही हैं। अतः हाटी समुदाय के सभी भाई-बहनों से आग्रह है कि किसी भी प्रकार के भ्रम, अफवाह या आशंका में न आएँ। हमारी अनुसूचित जनजाति की मान्यता, अधिकार एवं लाभ पूर्णतः सुरक्षित हैं और भविष्य में भी सुरक्षित रहेंगे।