Shillai: ग्रामीण बोले, सड़क बनाने के नाम पर जल-जमीन-पेड़ कर दिये तबाह, किसने दी परमिशन... ddnewsportal.com

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Shillai: ग्रामीण बोले, सड़क बनाने के नाम पर जल-जमीन-पेड़ कर दिये तबाह

NH-707 निर्माण कार्य के निरीक्षण को पंहुचे केंद्रीय जांच दल के समक्ष ग्रामीणों ने खोली माॅर्थ के कार्यप्रणाली की पोल, देखें वीडियो भी

आप नेता नाथूराम चौहान ने NGT में दाखिल की थी याचिका, कफोटा से गुम्मा तक का निरीक्षण 21 मार्च को


नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों पर गठित कमेटी ने निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग 707 का दौरा किया। दरअसल, आप नेता नाथू राम चौहान ने गलत डंपिंग और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने को लेकर एनजीटी में पीआईएल दाखिल की है। आरोपों की प्रारंभिक जांच के लिए सिरमौर उपायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। 


सिरमौर जिले में पाँवटा साहिब से गुम्मा तक राष्ट्रीय राजमार्ग 707 निर्माणाधीन है। राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में शुरू से धांधलियों के आरोप लगते रहे हैं। प्रशासन और मोर्थ को शिकायतें करने पर कंपनियों की मनमानी जारी रही। लिहाजा आप नेता नाथूराम चौहान ने प्रदूषण और गलत ढंग से डंपिंग को लेकर एनजीटी में पीआईएल डाली। मामले में अब मामले में एनजीटी एक्शन मोड पर है। एनजीटी ने इस मामले में पार्टी बनाए गए सरकारी विभागों को मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। 
एनजीटी ने सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमेंट एंड फारेस्ट, एक्सईएन पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड पांवटा साहिब, प्रोजेक्ट डायरेक्टर मॉर्थ को जॉइंट इंफेक्शन के निर्देश दिए। डीसी सिरमौर को इस कमेटी का ऑर्डिनेटर नियुक्त किया गया है। इस कमेटी ने मंगलवार को सीसीआई राजबन से लेकर कफोटा तक निरीक्षण किया। एनजीटी को दी शिकायत में जिन स्थान पर अवैध और अवैज्ञानिक डंपिंग का जिक्र है, उन स्थानों पर टीम ने निरीक्षण किया और रिपोर्ट तैयार की। उक्त टीम ने कफोटा से गुम्मा तक 21 मार्च को निरीक्षण की तिथि तय की है। इसके बाद कमेटी एनजीटी को रिपोर्ट सौंपेगी।


शिकायतकर्ता नाथूराम चौहान ने बताया कि  निर्माण का काम कर रही कंपनियों ने लगभग 72 जगह पर अवैध रूप से डंपिंग की है। उससे करोड़ों टन मलबा नालों और बरसाती खड्डों में चला गया है। पीने के पानी और सिंचाई की कई स्कीम में मलबे में दब गई है। लाखों की संख्या में पेड़ पौधे नष्ट हो गए हैं। करोड़ों टन मलवा नालों के किनारे पड़ा है। नाथूराम चौहान का कहना है कि यह करोड़ों टन मलबा बरसाती पानी के साथ बहकर बाढ़ का रूप ले सकता है और उससे मैदानी क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में भूमि कटाव की भी संभावना है।


इस दौरान स्थानीय ग्रामीणों ने भी माॅर्थ और कंपनी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए टीम के सामने उन्हे खरी खोटी सुनाई। लोगों ने कहा कि उनकी जमीनों पर मलबा फैंककर जमीने और पेड़ पौधे तबाह कर दिये। मना करने पर उनके साथ ही बदतमीजी की जाती है। हमे अपनी तबाही के लिए रोड़ नही चाहिए। 
उधर, कोऑर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष एडीसी सिरमौर एलआर वर्मा ने बताया कि एनजीटी के निर्देशों के अनुसार कफोटो तक चिन्हित डंपिंग साइड का निरीक्षण किया गया है। कफोटा से आगे गुम्मा तक 21 मार्च को निरीक्षण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि निरीक्षण की रिपोर्ट एनजीटी को सौंप जाएगी। इस कमेटी में मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमेंट एंड फारेस्ट भारत सरकार से डाॅ दास और रिजनल डायरेक्टर सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से नरेंद्र शर्मा शामिल रहे। 

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