कल लगेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण- पं सेमवाल- ddnewsportal.com
कल लगेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण
प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पं कमलकांत सेमवाल बोले; 148 साल के बाद सूर्यग्रहण और शनि जयंती एक साथ होने के कारण बढ़ गया है महत्व, भारत मे नही दिखेगा पांच घंटे लगने वाला सूर्य ग्रहण।
कल 10 जून यानि गुरुवार को ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि पर साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। यह सूर्य ग्रहण दुनिया के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा। सूर्य ग्रहण करीब 5 घंटे तक रहेगा। लेकिन यह भारतवर्ष मे नही दिखाई देगा। यह जानकारी देते हुए सिरमौर जिला के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पं कमलकांत सेमवाल ने बताया कि इस सूर्य ग्रहण के साथ एक दुर्लभ संयोग भी बन रहा है। इसी तिथि पर सूर्य पुत्र शनिदेव की जयंती भी मनाई जाएगी, जिस कारण से इस तिथि का महत्व बढ़ गया है। जहां एक तरफ पिता सूर्यदेव ग्रहण के साए में रहेंगे तो वहीं पुत्र शनि की जयंती मनाई जाएगी। शनि जयंती पर सूर्यग्रहण लगेगा और यह ग्रहण वलायाकार सूर्य ग्रहण होगा जिसमें सूर्य एक चमकदार अंगूठी के रूप में दिखाई पड़ेगा। सूर्यग्रहण और शनि जयंती एक साथ होने के अलावा इस दिन शनिदेव मकर
राशि में वक्री रहेंगे। इस तरह का संयोग दोबारा से 148 वर्षों के बाद होने जा रहा है, इससे पहले यह संयोग 26 मई 1873 में हुआ था। भारत में सूर्यग्रहण दिखाई नहीं देगा इस कारण से यहां सूतककाल मान्य नहीं रहेगा। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सूतककाल वहीं पर मान्य होता है जहां ग्रहण दिखाई देता है, इसलिए इस सूर्य ग्रहण में न तो मंदिर बंद होंगे और न ही पूजा आराधना।
ज्योतिषी पं सेमवाल ने बताया कि इस सूर्य ग्रहण की सबसे खास बात है कि जिस दिन सूर्य ग्रहण होगा उसी दिन शनि जयंती भी मनाई जाएगी। मान्यताओं के अनुसार सूर्यदेव और शनिदेव पिता-पुत्र हैं और दोनों के बीच में बैर भाव रहता है। जब 10 जून को पिता सूर्य ग्रहण की छाया में रहेंगे तब उसी दिन शनिदेव की जयंती भी मनाई जाएगी। 148 साल बाद शनि जयंती पर सूर्यग्रहण लग रहा है, इससे पहले 26 मई 1873 में इस तरह का संयोग बना था। इस मौके पर जिन जातकों पर शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या महादशा चल रही है उन्हें हनुमान चालीसा का पाठ और शनि से संबंधित चीजों का दान करना शुभफलदायी हो सकता है।
उन्होंने बताया कि वैसे तो भारत में सूर्यग्रहण नहीं देखा जा सकेगा, लेकिन भारतीय समयानुसार सूर्यग्रहण का आरंभ 10 जून को दोपहर 01 बजकर 42 मिनट से शुरू हो जाएगा। शाम 06 बजकर 41 मिनट पर ग्रहण पूर्णरूप से समाप्त हो जाएगा। ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे की होगा। ग्रहण के दौरान कंकण ग्रहण दोपहर 03 बजकर 20 मिनट पर, ग्रहण का मध्यकाल 04 बजकर 12 मिनट पर होगा। यह सूर्य ग्रहण अमेरिका, यूरोप, उत्तरी कनाडा, रूस और ग्रीनलैंड में देखा जा सकेगा। भारत में यह ग्रहण नहीं दिखाई देगा। इसके पहले 26 मई को चंद्रग्रहण लगा था। भारत में इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। सूर्यग्रहण में सूतककाल ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले जबकि चंद्रग्रहण में 09 घंटे पहले सूतक लग जाता है। सूतक काल में शुभ कार्य नहीं किए जा सकते हैं और न ही पूजा पाठ।
इन राशि के जातकों पर डालेगा प्रभाव-
पं कमलकांत सेमवाल ने बताया कि यह सूर्यग्रहण वृषभ राशि और मृगशिरा नक्षत्र में लगेगा। ऐसे में वृषभ राशि के जातकों के लिए इसका प्रभाव सबसे ज्यादा पड़ेगा। ग्रहण के प्रभाव को कम करने के लिए जप-तप करना लाभकारी रहता है। ग्रहण में दान करना और ग्रहण के बाद पूरे घर में गंगाजल से छिड़काव करना चाहिए ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव को कम करने में सहायक होता है। वहीं शनि जयंती पर शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए तेल, काला कपड़ा, उड़द, लोहा, काली गाय, काले फूल, काला तिल, अर्पित करना चाहिए। साथ ही सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए जल चढ़ाएं।