मुफ़लिसी में जी रहे इस परिवार की बच्ची को है आपकी मदद की दरकार ddnewsportal.com

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शिलाई: क्या क्या करवाती है मजबूरी जानकर छलक जायेगी आंखे

मुफ़लिसी में जी रहे इस परिवार की बच्ची को है आपकी मदद की दरकार, मन हो तो यहां करें सहायता...

एक मेधावी बच्चा जो पढ़ाई लिखाई में बड़ा होनहार है लेकिन घर की वितीय हालत और बहन की गंभीर बीमारी का ईलाज करवाना उसके सपनों को पंख लगाने में रुकावट पैदा कर रही है। फिर भी वह हार नही मान रहा और दिन रात एक कर ईलाज के लिए पैसे भी जुटा रहा और बहन का इलाज करवाने की कौशिश भी। जबकि खुद भी बीमारी से ग्रस्त है। लेकिन अकेला कितना कर लेगा, ऐसे मे हम सभी का भी मानवता के नाते सामाजिक दायित्व बनता है कि हम इस परिवार की मदद के लिए हाथ उठायें। इस परिवार की मजबूरी, मुफलिसी और गुरबत की दास्तान सुनेंगे तो शायद आपकी भी आंखे भर आए।

शिलाई विधाननसभा क्षेत्र के कांटी मशवा पंचायत (खील गांव) के रमन कुमार की छोटी बहन को ब्लड कैंसर है और बहन के इलाज के लिए दिन रात मजदूरी करने वाला भाई खुद भी न्यूरो की बीमारी से ग्रस्त है। पर होंसला नही हार रहा। 
रमन की उम्र महज 18 साल है। अनुसूचित जाति से संबंध रखता है। ग्रामीण परिवेश में ट्रांसगिरि की कांटीमश्वा पंचायत के खील गांव में जन्म हुआ। दसवीं की परीक्षा में 700 में से 651 अंक प्राप्त किए। 12वीं की परीक्षा में 500 में से 448 अंक हासिल कर परिवार को गौरवान्वित किया। 7 बहन-भाईयों में सबसे बड़ा है। पहाड़ सी चुनौती लेकर आगे की पढ़ाई करने नाहन काॅलेज में दाखिला लिया है। गुरबत ऐसी कि दो वक्त की रोटी का इंतजाम करना मुश्किल हो जाता है।
सपनों को पंख लगाने रमन नाहन पहुंच जाता है, ताकि काॅलेज की पढ़ाई के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कर सके, लेकिन गरीब पहाड़ी युवक के सामने पहाड़ जैसी चुनौती सामने आ गई। चंद महीने पहले ये पता चला कि 7 साल की बहन अमिषा को ब्लड कैंसर की गंभीर बीमारी है। आनन-फानन में पीजीआई चंडीगढ़ ले जाया गया। पिता दिहाड़ी करें या बेटी की देखभाल। यही नहीं, रमन खुद भी न्यूरो की बीमारी से पीड़ित है। 
7 साल की बहन के कैंसर के इलाज की खातिर रमन दिहाड़ी करने को मजबूर हुआ। बावजूद इसके काॅलेज भी जा रहा है, साथ ही दिहाड़ी लगाकर चंद रुपए भी कमा रहा है। एक जगह रोजाना 8 घंटे की नौकरी करने के बाद 10 दिन की पगार महज 1 हजार मिली थी। बेशक ही अपनी दास्तां सुनाते-सुनाते रमन की आंखों में आंसू आ जाते हैं, लेकिन वो हिम्मत नहीं हारता। जब भी अवसाद हावी होने लगता है तो अपनी डायरी में जीवन  की कठिन परीक्षा की क़ड़वी सच्चाई को शब्दों में उकेर देता है। ऐसे मे एक युवा के उज्जवल भविष्य को अंधकार में बदलने से हम सभी रोक सकते हैं। आपसे आग्रह है कि इस जरूरतमंद परिवार की मदद को आगे आएं। हमारी छोटी छोटी मदद इस परिवार के लिए बड़ी सहायता बन सकती है। 

(रमन का नंबर 7876715176, (इंदर सिंह पिता का नाम 9805313122)
Indar सिंह, अकाउंट नंबर -08630110025109           
ifsc code -UCBA0000863  

Google pay no-8894914116, चतर सिंह (चाचा)        

इस बच्ची की मदद जरूर करे ????????