हिमाचल का ड्रीम प्रोजेक्ट है सिरमौर का यह संस्थान ddnewsportal.com
हिमाचल का ड्रीम प्रोजेक्ट है सिरमौर का यह संस्थान
1010 बीघा भूमि पर हो रहा है अंतर्राष्ट्रीय स्तर कैंपस का निर्माण,
पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के सिरमौर प्रेम से 2014 में जिले को मिली थी सौगात।
हिमाचल प्रदेश का एकमात्र संस्थान आईआईएम सिरमौर प्रदेश सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसके कैंपस का निर्माण कार्य प्रगति पर है। और सरकार भी चाहती है कि यह कैंपस भव्य और अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बने ताकि आईआईएम सिरमौर प्रदेश की शान के रूप मे देखा जाए। आपकों बता दें कि वर्ष 2014
में हिमाचल प्रदेश को भी केंद्र सरकार ने एक आईआईएम स्वीकृत किया। अब इस संस्थान के लिए कईं बड़े जिले भी कतार मे थे कि यह उनके जिलों मे खुलना चाहिए। सिरमौर ने भी मांग उठाई कि उनके पास भी कोई बड़ा
संस्थान नही है। उस समय विभिन्न सामाजिक और शिक्षण संगठनों ने एकजुट होकर इस संस्थान की मांग की। प्रदेश मे उस समय कांग्रेस पार्टी की सरकार थी और मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह थे। यह माना जाता है कि उनके सिरमौर प्रेम के कारण उन्होंने इस संस्थान को सिरमौर जिला मे खोलने का निर्णय लिया ताकि जिला भी विकास के मामले में अन्य जिलों के साथ चल सके। जिला के धोलाकुंआ मे 1010 बीघा सरकारी भूमि का चयन किया
गया और संस्थान को स्वीकृति मिली। वर्ष 2014 में यहां के एक निजी शिक्षण संस्थान के भवन में भारतीय प्रबंधन का पहला बैच शुरू हुआ। साथ ही आईआईएम का अपना कैंपस धोलाकुंआ मे बनाने की प्रक्रिया भी शुरू हुई। संस्थान की निदेशक डाॅ नीलू रोहमित्रा की देखरेख में इसके लिए आईआईएम का सीपीडब्ल्युडी के साथ मार्च 2019 मे एमओयू साईन हुआ और उस समय निर्माण के पहले चरण की 392.51 करोड़ रूपये की राशि भी केंद्र की भाजपा सरकार से जारी हुई। उसके बाद 4 अगस्त 2020 को
तत्कालीन केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल और प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वर्चुअली संस्थान परिसर के निर्माण कार्य की नींव रखी थी। तब से यहां पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इस कैंपस के निर्माण कार्य को शुरू करवाने मे आईआईएम सिरमौर की निदेशक डाॅ नीलू रोहमित्रा की बड़ी भूमिका रही। उन्होंने समय पर हर जरूरी प्रक्रिया पूरी करवाने मे अपना सहयोग दिया। जब यह संस्थान व कैंपस बनकर तैयार हो जाएगा तो यह अपने आप में एक अलग और उत्कृष्ट तरह का नगर जैसा
होगा। इसकी सबसे खास बात यह है कि इसमे पहाड़ी शैली की झलक दिखेगी। शिलान्यास के दौरान जो डेमो दिखाया गया था उससे तय हो गया था कि हिमाचल का यह एकमात्र संस्थान अपने आप मे ही अनूठा कैंपस वाला संस्थान होगा।
इसी निर्माण कार्य का एसडीएम पांवटा साहिब विवेक महाजन ने बीते दिनों जायजा लिया। वह मौके पर गये और इस दौरान उन्होंने IIM के निर्माण कार्य
की समय सीमा बारे उपस्थित अधिकारियों से विस्तार से चर्चा की। साथ ही उन्होंने अधिकारियों को भारतीय प्रबन्धन संस्थान सिरमौर (IIM) के निर्माण कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के दिशानिर्देश भी दिए। इस दौरान उनके साथ केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता अमृत गर्ग तथा नर्सिराम सिंहमार व अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।