मेडिकल स्टोर पर विभाग की दबिश ddnewsportal.com

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मेडिकल स्टोर पर विभाग की दबिश

नशीली दवाओं की अवैध बिक्री को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग का अभियान, भरे दवाओं के सैंपल।

हिमाचल प्रदेश में आए दिन नशीली दवाओं के मामले सामने आने के कारण अब प्रदेश का स्वास्थ्य महकमा भी सक्रिय हो गया है। उस हर एक सोर्स को खंगाला जा रहा है जहां से नशीली दवाओं के मिलने की संभावना बनी रहती है। पुलिस जहां अपना काम कर रही हैं वहीं ड्रग डिपार्टमेंट भी मुहिम पर निकल पड़ा है। इसी के तहत रविवार को प्रदेश के चंबा जिले में 
नशीली दवाओं की अवैध बिक्री को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए गए अभियान के तहत वास्थ्य विभाग की टीम ने दवा निरीक्षक चम्बा राकेश की अगुवाई में बनीखेत, खैरी, देवीदेहरा व ब्रंगाल आदि क्षेत्रों में दवाइयों की दुकानों का निरीक्षण किया। इस मौके पर टीम ने 3 दवाओं के सैंपल भी भरे, जिन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला में भेज दिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही दवाइयों की गुणवत्ता का पता चल पाएगा। जिन 3 दवाओं के

सैंपल लिए गए हैं उनमें एंटीबायोटिक, एंटीडायबीटिक और एक एंटासिड के सैंपल शामिल हैं। इसके अलावा विभागीय टीम ने नशीली दवाओं की बिक्री व खरीद से संबंधित रिकॉर्ड भी खंगाला और सीसीटीवी कैमरों की जांच भी की है। जिन दुकानों में सीसीटीवी कैमरे खराब पाए गए। उन्हें जल्द दुरुस्त करने के आदेश भी जारी किए।
दवा निरीक्षक ने कहा कि उपायुक्त के आदेशानुसार हरेक दवा विक्रेता को अपनी दुकान में सीसीटीवी कैमरे स्थापित करना अनिवार्य है। यदि किसी दवा विक्रेता द्वारा सीसीटीवी कैमरा स्थापित न किया गया तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि दवाओं की गुणवत्ता जांचने के उद्देश्य से 3 दवाओं के सैंपल लिए गए हैं। यदि कोई भी दवा विक्रेता नशीली एवं गुणवत्ताहीन दवाएं बेचता है तो उसकी सूचना तुरंत स्वास्थ्य विभाग को दें। सूचना देने वालों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी। बहरहाल, चंबा में तो अभियान शुरू हो गया है लेकिन प्रदेश के अन्य सीमांत क्षेत्रों जैसे पांवटा साहिब आदि में भो इस प्रकार की कार्रवाई होनी चाहिए ताकि यदि कोई गलत दवा या नशीली दवा बेचकर युवाओं की जिंदगी तबाह कर रहा है तो उस पर कारवाई हो सके।